नई दिल्ली: साहस और दुस्साहस में फर्क सिर्फ इतना होता है कि एक सपनों को आबाद करता है तो दूसरा तबाही को न्यौता देता है। पाकिस्तान की हालत कुछ वैसे हो गई है कि जिसमें उसे समझ नहीं आ रहा कि जम्मू-कश्मीर और कुलभूषण जाधव का मामला अलग-अलग है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने एक बार फिर अतंरराष्ट्रीय आदेशों की अवेहलना की है।
पाकिस्तान दूसरी बार पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से मना कर दिया है। ज्ञात हो कि अतंरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हूए उसे पाकिस्तान सरकार से उसे काउंसलर एक्ससे देने को कहा था। इसके बाद पाकिस्तान ने पहली बार 2 सितंबर को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया था।
भारतीय राजनयिक गौरव आहलूवालिया उस वक्त कुलभूषण जाधव से काउंसलर एक्सेस के तौर पर मिले थे। लेकिन पाकिस्तान ने दूसरी बार कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से मना कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को आईसीजे के फैसले के 11 दिन बाद काउंसलर एक्सेस देने का निर्णय लिया था।
गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा कि कुलभूषण जाधव को कोई दूसरा काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने से मना किया है। इससे पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से इनकार करता रहा है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने कहा था कि वह कुलभूषण जाधव को सशर्त काउंसलर मदद देने को तैयार है।
बता दें कि पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव इस वक्त पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान ने जाधव को जासूसी के कथित आरोप पर फांसी का सजा सुनाई है। जबकि भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था और वह वहां पर सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक उद्देश्य से गए थे। आईसीजे में सुनवाई के दौरान भारत सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव को गलत आरोप में हिरासत में ले रखा है। इसके बाद आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था।
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