नयी दिल्ली: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्तिस्तान तथा मुजफ्फराबाद, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश भी शीत लहर (cold wave) की चपेट में हैं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि हाल फिलहाल इस स्थिति के बने रहने की संभावना है यानि कि लोगों पर सर्दी कहर ढाएगी और लोग शीतलहर की गिरफ्त में रहेंगे।
उत्तरपश्चिमी भारत में राजस्थान के चुरू में सबसे कम शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया। इसके बाद सीकर में शून्य से 2.5 डिग्री से. नीचे और अमृतसर में शून्य से 0.5 डिग्री से. नीचे तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राज और पश्चिम यूपी और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीत लहर-गंभीर शीत लहर की स्थिति 21 दिसंबर तक जारी रहेगी।
उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा, आईएमडी ने उत्तरपश्चिमी भारत में अगले तीन दिनों तक शीत लहर चलने का अनुमान जताया है और उसके बाद इससे राहत मिल सकती है। अगले दो दिनों में उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों और पंजाब तथा हरियाणा में 23 और 24 दिसंबर को घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है।
सफदरजंग वेधशाला ने दिल्ली में अभी तक इस मौसम का सबसे कम 4.6 डिग्री से. न्यूनतम तापमान दर्ज किया। राजधानी में शनिवार को इस मौसम का सबसे सर्द दिन रहा दिनभर में औसतन अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रहा वहींअगले कुछ दिन दिल्ली में सर्द हवाएं चलने का अनुमान जताया जा रहा है।
मौसम कार्यालय ने बताया कि उत्तरपश्चिमी भारत के मैदानी इलाके मंगलवार तक 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं की चपेट में रहेंगे, जिससे 'शीत लहर और ठंड का प्रतिकूल असर बढ़ जाएगा।' आईएमडी के अनुसार, जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है तो उसे 'बेहद घना' कोहरा कहा जाता है, 51 से 200 मीटर के बीच को 'घना', 201 से 500 के बीच को 'मध्यम' और 501 से 1,000 मीटर के बीच को 'हल्का' कोहरा जाता है।
अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो आईएमडी शीतलहर की घोषणा करता है। जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे तक चला जाता है और सामान्य से 4.5 डिग्री से. नीचे रहता है तो भी शीत लहर की घोषणा की जाती है।
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