नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को चौथी बार देश से रूबरू हो रहे थे। सबकी नजर इस बात पर टिकी थी वो अब क्या कहने वाले हैं। 21 दिनों के लॉकडाउन में भारत को क्या हासिल हुआ उसका जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की जरूरत है और इस तरह से देश लॉकडाउन फेज-2 में चला जाएगा। लेकिन इसकी अवधि 7, 14 या 21 दिन की नहीं होगी बल्कि 19 दिन होगी। अब सवाल यह है कि इस 19 दिन वाले लॉकडाउन के पीछे का राज क्या है।
19 दिन वाला होगा लॉकडाउन फेज -2
अगर कोरोना संक्रमण के इन्क्यूबेशन पीरियड को देखें तो सात से 14दिन के अंदर इसके लक्षण आते हैं। सामान्य तौर पर कोरोना वायरस के चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने के लिए इतनी अवधि के पूर्ण आइसोलेशन की जरूरत होती है। अगर इस गणित को व्यवहार में लाया जाए तो लॉकडाउन फेज वन को भी सात या 14 दिन के लिए ही होना चाहिए था। लेकिन अत्यधिक सतर्कता बरतते हुए केंद्र सरकार ने 21 दिन की घोषणा की तो सवाल यह है कि लॉकडाउन फेज 2 , 21 दिन का क्यों नहीं हुआ।
वजह कुछ और
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार इस दफा 30 अप्रैल तक ही इस लॉकडाउन को बढ़ाने के पक्ष में थी। लेकिन कई राज्य सरकारों की तरफ से प्रस्ताव आया कि इसे 3 मई तक बढ़ा दिया जाए। इस तर्क के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था बल्कि 1 मई को मजदूर दिवस और उसके शनिवार, रविवार को छुट्टियों को ध्यान में रखकर बढ़ाने का सुझाव दिया गया। ताकि इन तीन अतिरिक्त दिनों में सामान्य आवाजाही बाधित रहेगी और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और धारदार तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी।
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