शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 16 से 19 नवम्बर तक देश भर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पीठासीन अधिकारी के पद का राजनीतिकरण होने का आरोप लगाया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, 'एक समय था जब पीठासीन अधिकारी पार्टी की बैठक में नहीं जाते थे। चुनाव के दौरान प्रचार नहीं किया करते थे लेकिन यह परम्परा अब राज्यों में टूटने लगी है, जो हमारी उच्च संसदीय परम्पराओं के विपरीत है।'
देश भर के विधानमण्डलों की कार्यवाही में एकरूपता लाने, पेपरलेस बनाने, समितियों के विशेषाधिकार जैसे तमाम मुद्दों के लिहाज से सम्मलेन बहुत महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में हो रहे इस सम्मेलन की शुरुआत में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कई और मुद्दे उठाए। ऊना जिले की हरोली सीट से विधायक मुकेश अग्निहोत्री ने विधानमण्डलों में सदस्यों से जानकारी छुपाये जाने की बात उठायी। उन्होंने कहा कि विधानमंडल जानकारी छुपाने का मंच नहीं है लेकिन अब 'सूचना के अधिकार' के तहत जानकारी पहले आती है और सदस्यों को बाद में मिलती है।
अपने सम्बोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष में इस बार खास जोर डाला कि विपक्ष के विधायकों की संख्या कम होने के बावजूद मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कथन को पढ़ा जिसमें नेहरू ने कहा था कि 'अध्यक्ष निष्पक्षता का प्रतीक है। संसदीय लोकतंत्र की परम्पराओं का सच्चा संरक्षक है।'
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