Ajmer Sharif Dargah: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, आगरा के ताजमहल और दिल्ली की कुतुबमीनार के बाद अब अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। ये दावा महाराणा प्रताप सेना ने किया है और कहा कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खत लिखकर इसकी जांच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कराने की मांग की है। साथ ही दावा कि कि दरगाह में मंदिर होने के कई सबूत हैं।
दरगाह के अंदर स्वस्तिक का क्या काम- राजवर्धन सिंह परमार
महाराणा प्रताप सेना के अधिकारियों ने भी एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह की खिड़कियों पर स्वास्तिक चिन्ह देखे जा सकते हैं। महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार का दावा है कि अजमेर में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक प्राचीन शिव मंदिर था। उन्होंने पूछा कि दरगाह के अंदर स्वस्तिक का क्या काम है। साथ ही कहा कि राज्य सरकार और केंद्र को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एक हफ्ते में जांच नहीं हुई तो हम केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे, अगर सर्वेक्षण नहीं किया गया तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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मंदिर होने के दावे को दरगाह कमेटी से जुड़े लोगों ने किया खारिज
वहीं मंदिर होने के दावे को दरगाह कमेटी से जुड़े लोगों ने खारिज किया है। उनका कहना है कि इस तरह की बातें गलत हैं। खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जदगन के अध्यक्ष मोईन चिश्ती ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह रहा हूं कि स्वास्तिक का प्रतीक दरगाह में कहीं नहीं है। ये दरगाह 850 साल से है। ऐसा कोई सवाल कभी नहीं उठा। आज देश में एक खास तरह का माहौल है, जो कभी नहीं था।
दरगाह गंगा जमुनी तहजीब के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है और हर साल हिंदू और मुसलमान समेत लाखों लोग यहां आते हैं। वहीं मामला सामने आने के बाद से दरगाह के आसपास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। साथ ही खबर है कि प्रशासनिक अधिकारी दरगाह का दौरा कर सकते हैं।
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