नई दिल्ली : चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने असम में लागू किए गए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के आलोचकों को करारा जवाब दिया है। एनआरसी का जिक्र करते हुए गोगोई ने कहा कि ये एक अवसर है चीजों को सही और बेहतर ढंग से करने का। एनआरसी जो आज के समय में केवल एक दस्तावेज नहीं है। 19 लाख और 40 लाख मुद्दा नहीं है। यह भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
एनआरसी के आलोचकों को उन्होंने इस तरह से करारा जवाब दिया है। यह भविष्य के लिए एक आधार दस्तावेज है। बता दें कि गोगोई 'पोस्ट कोलोनियल असम' (Post Colonial Assam) पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने ये बातें कही।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ मीडिया आउटलेट्स के द्वारा की जा रही गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग इस स्थिति को और भी बदतर बना रही है। कुछ हद तक अवैध प्रवासियों की संख्या का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता थी, जो कि एनआरसी के मौजूदा कोशिश थी, ना कम और ना ज्यादा।
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