केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश भर से विरोध की खबरें आ रही हैं। वहीं अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भी राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी है। हालांकि एनएसयूआई ने विरोध कर रहे छात्रों को समर्थन की बात तो कही है साथ ही किसी भी तरह की हिंसा न करने की भी अपील की है।
इस मुद्दे पर विपक्ष के मुख्य नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है- 'न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई direct भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान' देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।’
इसके अलावा एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने मीडिया में बयान जारी कर कहा की सरकार को इस तरह के नीतिगत फैसले लेने से पहले लेने उस योजना के लाभार्थियों को होने वाले फायदे और नुकसान पर बात नहीं करती है। नीरज ने कहा कि, 'जो लोग सीमा पर गोली चला कर दुश्मन से लड़ना चाहते हैं सरकार आज उन पर गोली चला रही है। सरकार को इस योजना में घोषित की गई अवधि, पेंशन व 21 साल की उम्र पर पुनर्विचार करना चाहिए।'
एनएसयूआई के मुताबिक देश भर में आज लगभग 35 लाख ऐसे छात्र हैं जो इस योजना की घोषणा के बाद अयोग्य हो जाएंगे। ये लाखों युवा सालों से सेना में नौकरी का सपना सजाए मेहनत में जुटे हुए हैं। ऐसे में एनएसयूआई सड़क से लेकर संसद तक तो इसका विरोध करेगी ही साथ जरूरत पड़ने पर कोर्ट तक इस मुद्दे को ले जाएगी।
एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि छात्र 2019 से लंबित आर्मी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट न कराए जाने का भी मुद्दा उठा रहे हैं। बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा है, ऐसे में 35 लाख युवा जो इस अग्निवीर योजना के बाद अयोग्य हो जायेंगे उनका गुस्सा जायज है। ऐसे में एनएसयूआई हर गली हर शहर हर जिले में इसका विरोध करेगी साथ ही एक मोबाइल नंबर जारी कर ऐसे हर छात्र से सीधा संपर्क कर उनकी समस्या सरकार के सामने रखेगी।
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