नई दिल्ली: हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी जासूस कबूतर की रिहाई पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पूछा कि क्या कैदी का एक्सचेंज हुआ है या ये सिर्फ उड़ान भरने की अनुमति है? उन्होंने आगे कहा, 'शायद अब यह एक डबल एजेंट है!'
दरअसल, 25 मई को जासूसी के लिए संदिग्ध रूप से पाकिस्तान में प्रशिक्षित किए गए एक कबूतर को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़ा गया था। पुलिस ने बताया कि कबूतर कूट भाषा वाला एक संदेश लिए हुए था। उसकी बायीं टांग में एक अंगूठी पाई गई, जिस पर कुछ नंबर अंकित थे।
इसके बाद एक पाकिस्तानी ग्रामीण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपना कबूतर लौटाने का आग्रह करते हुए कहा था कि उसने ईद के जश्न के दौरान कबूतर उड़ाए। हबीबुल्लाह ने दावा किया कि उसे कबूतरों का शौक है। उसने कहा कि उनका गांव भारतीय क्षेत्र से लगभग 4 किमी दूर है। उसने अपने कबूतरों के पैरों में छल्ले बांधे हुए थे। ग्रामीण ने कहा कि उसने अपने मोबाइल नंबर को अंगूठियों पर अंकित किया था। वीडियो मैसेज में पीएम मोदी से अपील करते हुए उसने कहा, 'कृपया मेरे कबूतर को वापस कर दें जिसने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर ली है। मैं उसे बहुत प्यार करता हूं। कबूतरों को सीमाओं का पता नहीं होता।'
कठुआ पुलिस ने गुरुवार को इस 'जासूस' कबूतर को मुक्त कर दिया। इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया। एसएसपी कठुआ, शैलेंद्र मिश्रा ने ग्रेटर कश्मीर को बताया, 'स्थानीय लोगों द्वारा पकड़े गए कबूतर पर हमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला; इसलिए हम आज इसे आजाद करते हैं।'
इसी पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मेरा मानना है कि 'जासूस कबूतर' को छोड़ दिया गया है। क्या कैदी एक्सचेंज था या इसे सिर्फ उड़ान भरने की अनुमति थी? शायद अब यह एक डबल एजेंट है!'
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