नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी मंगलवार को समाप्त हो गई। प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। उमर पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगाया गया था।गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से उमर को उनके घऱ में नजरबंद रखा गया था। प्रशासन ने श्रीनगर स्थित उमर के आवास हरि निवास को ही उप जेल में तब्दील कर दिया था। उमर की रिहाई आठ महीने के बाद हुई है।
उमर से पीएसए हटाए जाने की जानकारी जम्मू-कश्मीर योजना के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने दी है। उमर अब्दुल्ला राज्य के उन बड़े नेताओं में शामिल हैं जिन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नजरबंद रखा गया है। कुछ दिनों पहले उमर के पिता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की भी रिहाई हो चुकी है। पीडीपी की प्रमुख एवं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अभी नजरबंद हैं। कंसल ने कहा, 'सरकार उमर अब्दुल्ला की हिरासत समाप्त करने का आदेश जारी करती है।'
पिछलों दिनों उमर अब्दुल्ला की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई। इस तस्वीर में उनकी दाढ़ी काफी बढ़ी हुई पाई गई। उमर की इस तस्वीर को उनकी करीबी लोग देखकर हैरान रह गए। इसके बाद उन्हें रिहा करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ी। पहले फारूक अब्दुल्ला और फिर उमर की रिहाई इस बात का संकेत दे रही है कि सरकार राज्य में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम उठाना चाहती है।
उमर की रिहाई के लिए उनकी बहन सारा अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत ने सरकार से उमर की रिहाई पर स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने कहा कि सरकार यदि इस बारे में कोई जवाब नहीं देती तो वह सारा की अर्जी पर सुनवाई करेगा।
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