नई दिल्ली: भारत के साथ ही पूरी दुनिया में लोगों ने घरों में अपनी मां के साथ मदर्स डे मनाया है। इस दौरान लोग अपनी मां के साथ सोशल मीडिया पर सेल्फी अपलोड करते दिखे और अपनी मां को लेकर कई पोस्ट भी शेयर किए। आज पुरुषों के मुकाबले किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं हैं। ऐसा कहते हैं कि महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार को सशक्त बनाती हैं बल्कि जितनी प्रभावशाली महिला होगी उतना ही मजबूत परिवार और समाज भी होता है।
यहां हम मदर्स डे के मौके पर एक खास महिला के बारे में आपको बताएंगे जो सिर्फ सामान्य दिखती हैं लेकन उनकी कोख से एक ऐसा बेटा जन्मा जिसने न केवल सांसारिक मोह माया को त्याग कर आध्यात्म के रास्ते पर चलने का रास्ता चुना। बल्कि आज धर्म आध्यात्म और राजसत्ता के बीच बेहतर संतुलन और समन्वय स्थापित करते हुए देश के सबसे बड़े सूबे की करीब 21 करोड़ जनता की सेवा कर रहा है। जी हां... हम बात कर रहे हैं सीएम योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी की।
अविभाजित उत्तर प्रदेश के पौड़ी गढ़वाल (वर्तमान में उत्तराखंड) का छोटा सा गांव पंचुर आम गांवों की तरह ही था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, 1972 का वो साल था जब आनंद सिंह और सावित्री देवी के घर एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम अजय सिंह रखा गया। मात्र 22 साल की उम्र में अजय सिंह ने सांसारिक मोह माया के बंधन का त्याग कर दिया और संन्यास के रास्ते को चुन लिया। आज सीएम योगी कोरोना संकट के बीच लगातार फैसले लेकर प्रदेश की जनता को राहत देने में जुटे हुए हैं और मदर्स डे पर कई लोग उनकी माता जी के बारे में जानना चाहते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी गृहिणी हैं। सीएम योगी के अलावा उनके तीन बेटे मानेंद्र सिंह, शैलेंद्र मोहन और महेंद्र सिंह हैं, जबकि तीन बेटियां पुष्पा देवी, कौशल्या और शशि देवी भी हैं। उन्होंने भी अपने बेटे के सीएम बनने की कामना की थी, जबकि कुछ समय पहले देह छोड़ चुके सीएम योगी के पिता ने पूरा भरोसा जताया था कि एक दिन उनका बेटा देश का प्रधानमंत्री बनेगा।
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