कोलकाता। एक अप्रैल को बंगाल विधानसभा के दूसरे चरण के लिए मत डाले जाएंगे। इस चरण में वैसे तो कई विधानसभा की सीटें हैं लेकिन नजर सबकी नंदीग्राम पर है। नंदीग्राम सिर्फ जगह का नाम नहीं बल्कि आंदोलन का चेहरा भी रहा। नंदीग्राम से ममता की सियासत का फायदा टीएमसी को मिला और पार्टी पिछले 10 साल सत्ता पर काबिज है। इस दफा नंदीग्राम इसलिए अहम है क्योंकि एक तरफ ममता बनर्जी खुद चुनावी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ उनके खास सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जहां एक तरफ ममता बनर्जी पदयात्रा कर रही हैं तो दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह रोड शो कर रहे हैं।
ममता बनर्जी की पदयात्रा
याद रखें, अगर मैंने एक बार नंदीग्राम में प्रवेश किया है, तो मैं नहीं छोड़ूंगी। नंदीग्राम मेरी जगह है, मैं यहीं रहूंगी। मैं किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकता थी, लेकिन मैंने इस स्थान की माताओं और बहनों को अपना सम्मान देने के लिए नंदीग्राम चुना है। नंदीग्राम आंदोलन को सलाम करने के लिए, मैंने सिंगूर के ऊपर नंदीग्राम चुना। उन्होंने कहा कि उनका सिर्फ एक ही मकसद बीजेपी को बंगाल से बाहर करना है और इसके लिए बीजेपी का दफ्न होना जरूरी है। उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि बीजेपी को दफ्न कर दो।
अमित शाह का रोड शो
बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के समर्थन में गृहमंत्री अमित शाह खुद रोडशो कर रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि नंदीग्राम उनके लिए सिर्फ माटी नहीं है। यहां के कण कण से उनका जुड़ाव है। वो यहां के लोगों से सिर्फ झूठे वादे नहीं कर सकते। आज जब वो नई भूमिका में हैं तो उसे एक दिशा देने के लिए नंदीग्राम के लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि यहां की जनता उन्हें निराश नहीं करेगी।
नंदीग्राम की सीट टीएमसी और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। ममता बनर्जी ने अभी हाल ही में कहा था कि पिता और पुत्र ने उनकी पीठ में छूरा भोंका। पिछले 10 वर्षों में पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया। लेकिन जब मौका आया तो उनके साथ दगाबादी हुई। उस दगाबाजी का जनता जरूर जवाब देगी। लेकिन आरोपों का जवाब देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि यह सबको पता है कि किसने किसको क्या दिया है।
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