Delhi High Court on Coronil: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को बाबा रामदेव के पतंजलि कोरोनिल (Patanjali Coronil) से संबंधित एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए कहा कि एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर जनता को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस अनूप जे. भंभानी ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा, आपके फॉलोअर्स होने के लिए आपका स्वागत है, आपके शिष्यों के लिए आपका स्वागत है, जो आपकी हर बात पर विश्वास करेंगे। लेकिन कृपया जनता को गुमराह न करें। अदालत कई डॉक्टरों के संघों (एसोसिएशन) द्वारा दायर एक मुकदमे से निपट रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि रामदेव के सार्वजनिक बयान ने उन्हें प्रभावित किया है, क्योंकि कोरोनिल कोरोनावायरस का इलाज नहीं करता है और यह भ्रामक है।
मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी
डॉक्टरों के संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पतंजलि के कोरोनिल उत्पाद को बिना किसी लाइसेंस के कोविड के इलाज के रूप में दावा किया गया था। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। पिछली सुनवाई में भी सिब्बल ने कहा था कि पतंजलि वेबसाइट का दावा है कि कोरोनिल कोविड-19 का इलाज है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की एक पूर्व शिकायत के अनुसार, रामदेव कथित तौर पर चिकित्सा बिरादरी, भारत सरकार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और कोविड रोगियों के उपचार में शामिल फ्रंटलाइन संगठनों सहित अन्य द्वारा उपयोग की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना का प्रचार कर रहे हैं।
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