केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार 30 मई को 1 साल पूरा कर लेगी इस हिसाब से सरकार को एक साल पूरा हो जाएगा वहीं ये मोदी सरकार पार्ट-2 है इस लिहाज से सरकार को लगातार 6 साल हो गए हैं। सत्ता चलाने के दौरान पीए मोदी ने यूं तो कई दुश्वारियों का भी सामना करा तो वहीं कई अहम कदम भी उठाए। विदेशी मोर्चे पर सरकार ने अपनी अलग पहचान भी बनाई है, वहीं कई ऐसे अहम फैसले लिए हैं जिन्होंने आम जनमानस को खासा प्रभावित भी किया है।
मोदी सरकार 2.0 की बात करें तो सरकार के सामने वर्तमान में तो कोविड-19 महामारी का भारी संकट खड़ा है जिससे सरकार जूझ रही है हालांकि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति अभी भी कहीं बेहतर है, मोदी सरकार ने मई 2019 में भारी बहुमत से सत्ता की दूसरी पारी की शुरुआत की तो सरकार के सामने कुछ अहम वादों को पूरा करना प्राथमिकता थी और सरकार उस दिशा में आगे बढ़ी भी और उन्हें अमल में भी लाई।
मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के इस 1 साल में वैसे तो कई अहम फैसले लिए हैं लेकिन कुछ डिसीजन सरकार के ऐसे रहे जो 'मील के पत्थर' बन गए और उनसे देश के लोगों के साथ ही इसका व्यापक असर तमाम जगह देखने को मिला, सरकार के ऐसे ही अहम फैसलों पर एक नजर-
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही यह तीन तलाक का मुद्दा बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में शामिल था। विपक्षी दलों के तमाम आरोपों के बावजूद मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों से जुड़े कई कड़े फैसले लिए, दूसरी बार सत्ता में आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया, मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया।
तीन तलाक को अपराध करार देने वाले बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मंजूरी देने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक कानून बन गया है, मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी की दिशा में इस कदम को मील का पत्थर माना जा रहा है।
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे अहम फैसला जम्मू-कश्मीर राज्य को लेकर लिया, मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया।
जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाली केंद्रशासित क्षेत्र होगा।
राज्य को दो हिस्सों में बांट भी दिया, मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में भी एक देश, एक विधान और एक निशान की व्यवस्था लागू हो गई है, मोदी सरकार के इस फैसले को विश्व से भी खासी सराहना मिली वहीं कुछ देश इस फैसले के लिए सरकार की आलोचना भी करते नजर आए।
मोदी सरकार ने देश में आर्थिक सुधार की दिशा में दस सरकारी बैंकों के विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का अहम कदम भी उठाया। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया इस विलय के बाद पीएनबी दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया। इसी प्रकार, केनरा और सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ जबकि यूनियन बैंक आफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक का आपस में विलय हुआ वहीं इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय किया गया।
2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी लेकिन विलय के बाद इन बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई। इससे पहले, दो बार बैंकों के विलय हुए थे। सबसे पहले भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया और उसके बाद बैंक आफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया था
कहा जाता है कि पीएम मोदी विदेश यात्रायें खूब करते हैं मगर हकीकत ये है कि तमाम विदेश यात्राओं के जरिए पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक अलग पहचान स्थापित की है और विश्व के तमाम मुल्क भारत का दबदबा अब मानने लगे हैं।
ये पीएम मोदी की अपील थी पूरी दुनिया के प्रतिनिधि संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी और अब इसे हर साल इसी रुप में मनाया जाता है। वहीं दुनिया के शक्तिशाली मुल्क अमेरिका से बेहतर संबध भी इसकी मिसाल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के लिए अमेरिका में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने शिरकत की तो वहीं फरवरी 2020 में पीएम मोदी के बुलाले पर ट्रंप भी भारत आए और यहां नमस्ते ट्रंप का भव्य कार्यक्रम भी हुआ तमाम इस्लामिक देशों से पीएम मोदी ने अच्छे संबंध बनाए हैं और सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा।
ये मोदी सरकार का ही प्रभाव था कि धारा 370 हटाने का फैसला हुआ तो पाकिस्तान के ऐतराज के बाद भी कोई मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ खुलकर सामने नहीं आया।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून खासा बड़ा फैसला रहा,ये ऐसा फैसला था, जिसके खिलाफ पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए, कई लोग मारे गए सैकड़ों लोग घायल हुए मगर सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही और तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए इसे लागू कर दिया गया।
इस फैसले के तहत पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक यानि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लिए नागरिकता के नए प्रावधान तय किए गए हैं।
हालांकि तमाम विरोधों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक ने यह बात साफ की कि इस कानून के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी
दुनिया भर में जारी कोरोना के प्रकोप के चलते भारत की स्थिति अमेरिका व अन्य यूरोपीय देशों से कहीं बेहतर है कैसे उन देशों की तुलना में मोदी सरकार ने हालात को बिगड़ने से रोक, किस तरीके से लॉकडाउन का सफलतापूर्व पालन कराया क्योंकि भारत का क्षेत्रफल जितना विशाल है और दुनिया में आबादी के लिहाज से भी भारत नंबर दो है ऐसे हालात के बीच भारत में तकरीबन 70 दिन का लॉकडाउन का पालन अच्छी तरह से हुआ है तो ये भी मोदी सरकार के बेहतर मैनेजमेंट का ही नतीजा है।
जिसे विश्व के तमाम नेता मोदी सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की भी तारीफ कर चुके हैं वहीं लोगों का मानना है कि कोरोना संकट से निपटने में मोदी सरकार काफी हद तक सफल रही है।
अब बीजेपी का कहना है कि पहली वर्षगांठ के मौके पर पार्टी की कोशिश रहेगी कि वो समाज के सभी वर्गों से मुलाकात कर सके जिनके सहयोग के बिना इस मुकाम पर पहुंचना मुमकिन नहीं था, केंद्र में बीजेपी की सरकार जनाकांक्षाओं की जीत थी।
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