यूपी चुनाव के नजदीक आने के साथ-साथ राज्य की राजनीति में कई तरह के प्रयोग भी देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का है। गठबंधन के ऐलान के बाद एसबीएसपी मुखिया सामने आए और पत्रकारों से बातचीत में कहते हैं कि बीजेपी के द्वारा की जा रही नफरत की राजनीति के खिलाफ एक साथ चुनाव लड़ने का आग्रह उन्होंने अखिलेश यादव से किया है। साथ ही सीट शेयरिंग के मुद्दे पर राजभर कहते हैं, "भले ही वह हमें एक भी सीट न दें, फिर भी हम सपा के साथ रहेंगे।"
इस बयान का मतलब तो ये है कि अंदरखाने चाहे जो भी समझौता हुआ हो सार्वजनिक तौर पर ओपी राजभर बिना शर्त गठबंधन के दावे कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की तरफ से भी ट्वीट किया गया कि वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग की लड़ाई समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेंगे।
अब ओपी राजभर के पिछले कुछ फैसलों को समझिए। 2017 में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी राजभर की पार्टी को 4 सीटें हासिल हुईं थीं। ऐसा दावा है कि पूर्वांचल के 18-20% राजभर वोटर्स पर पार्टी की पकड़ है और 100 से ज्यादा सीटों पर पार्टी का प्रभाव है। बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद ओपी राजभर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होने पर राजभर, AIMIM और कुछ छोटी पार्टियों के गठजोड़ वाले ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’बनाते दिखे। राजभर-ओवैसी की मुलाकातें हुईं जिसमें तरह-तरह के दावे किए गए। हाल के दिनों में ओवैसी समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगैर उस पर तंज कसते हुए दिखें।
फिर अचानक, अगस्त में ओपी राजभर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए। बाहर निकले तो सुर थोड़े बदले थे। उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी उनकी मांगों को मान लेती है तो उन्हें गठबंधन में लौटने में कोई दिक्कत नहीं है। अब यहीं AIMIM से उनका पेंच फंसता दिखता है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात और बीजेपी गठबंधन में जाने के राजभर के बयानों पर AIMIM भी सकते में दिखी।
अब एसपी के साथ गठबंधन के ऐलान के बाद राजभर से ये भी पूछा गया कि क्या असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम अभी भी उनके भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है, राजभर ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। वह टालमटोल करते दिखे। कहते हैं सभी सवालों का जवाब 27 अक्टूबर को दिया जाएगा। तो कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि राजभर का अगला कदम क्या होगा, ये सिर्फ राजभर ही जानते हैं। फिलहाल, वो एसपी, AIMIM और यहां तक की बीजेपी को भी कुछ न कुछ आस दिलाए हुए हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।