नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में पश्चिम बंगाल के छह मजदूरों की हत्या पर पाकिस्तान की निंदा करने की बजाय विपक्ष सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष की गैर-जिम्मेदार बयानबाजी भारत विरोधी तत्वों के साथ खड़ी होती नजर आ रही है। पाकिस्तान के इशारे पर आतंकवादियों ने मंगलवार को कुलगाम में घर के निर्माण में लगे पश्चिम बंगाल के छह मजदूरों की हत्या कर दी। इस हत्या के लिए पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करने के बजाय माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने इस जघन्य घटना के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
मोहम्मद सलीम ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कुलगाम में पश्चिम बंगाल के मजदूरों की हत्या के लिए पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत जिम्मेदार है। ये मजदूर धरती के सर्वाधिक सैन्यीकृत जगह पर मजदूरी कर रहे थे।' माकपा नेता के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी कश्मीर में सामान्य होते हालात नहीं दिख रहे। उन्होंने यूरोपीय सदस्यों के कश्मीर दौरे पर सवाल उठाए हैं। चौधरी ने कहा, 'भारत सरकार यूरोपीय देशों के सदस्यों को कश्मीर का दौरा करा रही है। सरकार ऐसा संदेश देना चाहती है कि वहां शांति है और सबकुछ ठीक है।'
कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय देशों के शिष्टमंडल को घाटी में सबकुछ ठीक दिख रहा है। शिष्टमंडल ने बुधवार को कहा कि कश्मीर के लोग शांति एवं विकास चाहते हैं। शिष्टमंडल का कहना है कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला है। जबकि विपक्ष सरकार की आलोचना कर पाकिस्तान के रुख को मजबूती प्रदान करने में जुटा है।
कश्मीर को अस्थिर करने के लिए सभी हथकंडे अपना रहा पाक
दरअसल, कश्मीर पर हर मोर्चे पर नाकाम हो चुका पाकिस्तान घाटी को अस्थिर करने के लिए हर हथकंडे अपना रहा है। उसे उम्मीद थी कि कश्मीर से कर्फ्यू उठाने और प्रतिबंधों में ढील देने के बाद कश्मीर के लोग सरकार के खिलाफ बगावत कर देंगे और सड़कों पर आ जाएंगे लेकिन कश्मीर की आम जनता सरकार और उसकी नीतियों के साथ आगे बढ़ रही है। समय के साथ वहां जनजीवन सामान्य हो रहा है। लोग अपने रोजमर्रा के कार्यों में जुट गए हैं। वहां दुकानें खुल रही हैं, परिवहन चल रहा है। स्कूल खुल गए हैं और मोबाइल काम कर रहा है। घाटी में तेजी से सामान्य हो रहे हालात पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। इसलिए वह अपने आतंकवादियों के जरिए लोगों में दहशत और डर पैदा करना चाहता है।
दुकानदारों एवं सेब कारोबारियों को निशाना बनाया
लोगों को भयभीत करने के लिए आतंकवादियों ने पहले दुकानदारों और सेब के कारोबार से जुड़े गैर-कश्मीरी ट्रक ड्राइवरों पर हमले किए और उनकी हत्या की। अब वे गैर-कश्मीरी मजदूरों को निशाना बनाकर भय का माहौल पैदा करना चाहते हैं ताकि लोगों के दैनिक कार्यों में अवरोध पैदा हो। कुल मिलाकर पाकिस्तान की नीयत कश्मीर में अस्थिरता और हिंसा का दौर शुरू करना है ताकि वह दुनिया को बता सके कि कश्मीर के हालात ठीक नहीं है। हालांकि, यह दीगर बात है कि उसके मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। भारतीय सुरक्षाबल पाकिस्तान और उसके आतंकियों को मुहंतोड़ और करारा जवाब दे रहे हैं।
यूरोपीय शिष्टमंडल ने पाक की खोली पोल
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा को देखते हुए घाटी में संचार सहित कई अन्य प्रतिबंध लगा दिए थे। घाटी के हालात को देखते हुए पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों के लिए कश्मीर की यात्रा न करने का परामर्श जारी किया था। अब चूंकि शिष्टमंडल के सदस्य वापस अपने-अपने देश जाएंगे और कश्मीर के सामान्य हालात की जानकारी देंगे, जिसके बाद उन देशों से पर्यटकों की आवाजाही शुरू होगी। इससे घाटी के पर्यटन को बढ़ावा और लोगों को रोजगार मिलेगा। जाहिर है कि इससे दुनिया में कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रोपगैंडा का पर्दाफाश होगा। इसलिए वह नहीं चाहता कि कश्मीर के हालात सामान्य हों और यहां विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आएं।
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