PFI के 'पाकिस्तान प्रेम' पर विपक्ष का 'डर्टी गेम'! देश में बैन लगाने की मांग हुई तेज

देश
सुनील पटेल
सुनील पटेल | Senior Correspondent
Updated Sep 25, 2022 | 16:25 IST

Popular Front of India: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के विरोध में बीजेपी, शिवसेना और MNS एक ही पिच पर आकर विरोध कर रहे हैं। पुणे में MNS और शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया है।

Opposition Dirty Game on PFI love of Pakistan Demand for ban in the country intensified
PFI पर बैन लगाने की मांग हुई तेज। 

Popular Front of India: PFI हिंदुस्तान का खाकर हिंदुस्तान के खिलाफ ही एजेंडा चला रहा है। इस्लामिक भारत बनाने के मंसूबे पालने वाले PFI के टेरर लिंक तो जगजाहिर है, लेकिन उसकी पाक परस्ती भी अब सामने आ चुकी है। ऐसे में राजनेताओं को सोचने की जरूरत है कि क्या सिर्फ वोट बैंक के लिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल PFI का समर्थन कर रहे हैं? टेरर लिंक और देश विरोधी कामों में शामिल होने के आरोप झेल रहे PFI पर छापे के बाद अब उसकी हकीकत देश के सामने आने लगी है। 

पुणे में PFI की रैली में कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे हैं, जिसके बाद देश में सियासत शुरू हो गई जो कि लाजिमी थी। अखिलेश यादव की पार्टी के बाद अब लालू यादव की पार्टी भी PFI के समर्थन में आ गई है, जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सियासत चमकाने और वोट बैंक के चक्कर में क्या देश विरोधी तत्वों को खुली छूट देने की वकालत क्यों की जा रही है।

महाराष्ट्र BJP के विधायक और केंद्रीय मंत्री के बेटे नीतेश राणे ने तो PFI के खिलाफ बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नारे लगाने वाले PFI को ये नहीं पता है कि अब महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सरकारी है। राणे ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों ध्यान रखना चुन-चुनकर मारेंगे। इसके साथ ही राणे ने PFI पर बैन लगाने की भी मांग की है। 

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PFI के खिलाफ शिवसेना-MNS का हल्ला बोल

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के विरोध में बीजेपी, शिवसेना और MNS एक ही पिच पर आकर विरोध कर रहे हैं। पुणे में MNS और शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष जहां इस मामले में PFI के समर्थन में है तो MNS ने पुणे में प्रदर्शन किया है। PFI की रैली में लगे देशविरोधी नारों के खिलाफ ये विरोध प्रदर्शन बुलाया गया था। शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी MNS के कार्यकर्ताओं ने प्रोटेस्ट किया। 

अखिलेश-लालू की पार्टी का PFI को समर्थन!

लालू यादव की पार्टी RJD के नेता शिवानंद तिवारी का पाक जिंदाबाद नारे पर बयान आया है, जिसमें उनका कहना है कि ये नारा सिर्फ प्रोटेस्ट का इजहार है, ऐसा नहीं है कि वह पाकिस्तानी हो गया। इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी कहा था कि PFI सिर्फ एक पार्टी ही तो है, कौन सी देशविरोधी कामों में लगी है जो सरकार इतना एक्शन ले रही है। कहीं सरकार को उससे (PFI) से डर तो नहीं लगने लगा है। हालांकि बीजेपी ने तुरंत ही विपक्ष को टारगेट करते हुए वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि वोट बैंक के नाम पर कितना नीचे गिरेंगे? नौकरी तलाशने वाले तिरंगा वाले युवाओं को लाठियां, लेकिन पाक जिंदाबाद ठीक है।

PFI पर बैन लगाने की तैयारी?

देश विरोधी कामों में शामिल होने के आरोप झेल रही PFI पर बैन लगाने की मांग तेज हो रही है। बीजेपी नेताओं ने PFI पर बैन लगाने की मांग की हैं। बीजेपी महासचिव CT रवि ने कहा है कि PFI पर बैन लगाना चाहिए। सिर्फ बीजेपी ही नहीं PFI पर हो रही कार्रवाई का मुस्लिम समुदाय भी समर्थन कर रहा है। बरेली के उलेमा और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्टीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने मोदी सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मौलाना शहाबुद्दीन ने PFI को कट्टरपंथी संगठन बताते हुए मुस्लिमों से गुजारिश कि है कि कोई भी पीएफआई से कोई ताल्लुक ना रखे।

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गिरफ्तारी से मुस्लिम फोरम परेशान

मुस्लिम फोरम भी PFI के समर्थन में उतर आया है। एक तरफ जांच एजेंसियां PFI के नापाक मंसूबों का एक के बाद एक खुलासा कर रही है, आरोपियों को पकड़ा जा रहा है तो दूसरी तरफ राजस्थान मुस्लिम फोरम के नेता खुलकर PFI की तरफदारी कर रहे हैं। राजस्थान मुस्लिम फोरम के कन्वीनर शब्बीर खान ने PFI के गिरफ्तार पदाधिकारियों को रिहा करने की मांग की है और ऐसा ना करने पर प्रदर्शन की धमकी दी। 

PFI पर एक्शन जारी, टेंशन भारी

देश के कई राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA-ED का एक्शन जारी है। छापेमारी के बाद गिरफ्तार PFI के 11 नेताओं को कोच्चि में NIA कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर सौंपा है। कोर्ट में पेशी के दौरान NIA ने दावा किया कि PFI के ये लोग धार्मिक नेताओं को टारगेट कर रहे थे। हालांकि पेशी के दौरान PFI नेताओं ने कोर्ट परिसर में ही नारेबाजी भी की है। NIA ने पहले भी रिमांड कॉपी में ये खुलासा किया था कि PFI के लोग इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहे थे। 

एक दावा तो ये भी है कि PFI के टारगेट पर बीजेपी-RSS के कई बड़े नेता और NIA के अफसर थे, लेकिन इन मंसूबों को नाकाम करते हुए NIA के बाद यूपी ATS का भी बड़ा एक्शन हुआ है। यूपी से PFI के 6 सदस्यों को ATS ने गिरफ्तार किया है। मेरठ से 4 और वाराणसी से 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जिन्हें अब रिमांड पर भेज दिया गया है। सबसे बड़ी बात तो ये कि ATS ने देश विरोधी काम करने के आरोप में PFI के सदस्यों पर UAPA के तहत कार्रवाई की है।

देश में रहकर देश विरोध क्यों?

PFI हिंदुस्तान का खाकर हिंदुस्तान के खिलाफ ही एजेंडा चला रहा है। इस्लामिक भारत बनाने के मंसूबे पालने वाले PFI के टेरर लिंक तो जगजाहिर है, लेकिन उसकी पाक परस्ती भी अब सामने आ चुकी है। लेकिन हमारे देश में फिर भी कई पार्टियां हैं जो ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में राजनेताओं को सोचने की जरूरत है कि क्या सिर्फ वोट बैंक के लिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल PFI का समर्थन कर रहे हैं ?

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