पेट्रोल-डीजल पर विपक्ष का पीएम मोदी पर पलटवार, ध्यान भटकाएं नहीं उत्पाद शुल्क कम करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट कम करने की अपील के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पलटवार किया है। कहा कि राज्यों के टैक्स की वजह से महंगा नहीं है।

Opposition hits back at PM Modi on petrol and diesel, do not distract attention, reduce excise duty
पेट्रोल-डीजल पर वार पलटवार 

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से जनता को राहत देने के लिए विपक्ष शासित राज्यों से वैट कम करने अपील की। उसके बाद विपक्षी दल हमलावर हो गए। कांग्रेस पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को जुमला और ध्यान भटकाने की बजाय पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए जिस स्तर पर वह यूपीए सरकार के कार्यकाल में थी।

मनमोहन सरकार ने हर साल 1 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी

राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी को पहले कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों से पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने के लिए कहना चाहिए, उन्होंने उच्चतम उत्पाद शुल्क लगाया है और 27 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए, सब्सिडी देनी चाहिए। यूपीए के दौरान मनमोहन सिंह ने हर साल 1 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी।

पीएम ध्यान भटकाएं नहीं, उत्पाद शुल्क कम करें

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपए प्रति लीटर की कटौती करे। उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं।

कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए प्रति लीटर था। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। कांग्रेस नेता ने आग्रह किया कि कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपए प्रति लीटर की कमी करिए।

उत्पाद शुल्क से जमा किए गए 27 लाख करोड़ रुपए का हिसाब दें

सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए। उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी। उन्होंने कहा कि आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपयए प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपए प्रति लीटर है।

राज्य के कारण कीमतें अधिक नहीं हुई हैं- महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के सीएमओ ने कहा कि राज्य के नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए, राज्य सरकार पहले ही प्राकृतिक गैस के संबंध में टैक्स राहत दे चुकी है। प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस गैस पर वैट की दर 13.5% से घटाकर 3% कर दी गई है। सीएमओ के मुताबिक सीएम ने कहा कि आज, मुंबई में एक लीटर डीजल पर डीजल टैक्स के हिस्से में केंद्र का 24.38 रुपए और राज्य का 22.37 रुपए है। पेट्रोल टैक्स का हिस्सा केंद्रीय टैक्स के रूप में 31.58 रुपए और राज्य टैक्स के रूप में 32.55 रुपए है। इसलिए, यह सच नहीं है कि राज्य के कारण कीमतें अधिक महंगी हो गई हैं।

विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इन राज्यों से राष्ट्र हित में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने और वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की। मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उन्होंने उनके साथ अन्याय किया है।

गैर BJP राज्यों से पीएम का सीधा सवाल, पेट्रोल-डीजल वैट क्यों नहीं किया कम, क्या है सियासी संदेश

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं स्वागत करता हूं कि पीएम ने विपक्षी शासित राज्यों से डीजल पेट्रोल पर टैक्स में कटौती करने का आग्रह किया है क्योंकि बीजेपी शासित राज्यों ने कुछ महीने पहले ही ऐसा किया है। हम उनसे टैक्सों में कटौती करने का भी आग्रह करते हैं ताकि आम आदमी लाभान्वित हो सके।


 

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