विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक साझा उम्मीदवार को मैदान में उतारने का संकल्प लिया है। सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक साझा उम्मीदवार को मैदान में उतारने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है। एक उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है।
टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने कहा कि आज बैठक में कई पार्टियां थीं। हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को समर्थन देगा। हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे, और हम इसे फिर से करेंगे। इन सभी ने शरद पवार का नाम लिया। लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। हमने उनसे परामर्श करने के लिए कहा है यदि फिर भी नहीं कहते हैं तो और चर्चा होगी।
DMK नेता टी आर बालू ने कहा कि सभी दलों ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया, हालांकि, उन्होंने इनकार कर दिया। नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी और शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के संबंध में दलों से चर्चा करने का अनुरोध किया।
फारूक अब्दुल्ला, गोपालकृष्ण गांधी के नाम का सुझाव दिया
आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर फारूक अब्दुल्ला, गोपालकृष्ण गांधी के नाम का सुझाव दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों को राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति के साथ उम्मीदवार तक पहुंचाने में कांग्रेस रचनात्मक भूमिका निभाएगी। राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार को संविधान को बनाए रखने, धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने का संरक्षण करने, नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। खड़गे ने अन्य विपक्षी दलों से आम सहमति के उम्मीदवार पर पहुंचने के लिए प्रतिक्रियाशील होने के बजाय अग्रसक्रिय रहने को कहा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा बुलाई विपक्षी दलों की एक अहम बैठक में कम से कम 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के नेता बैठक में शरीक हुए, जबकि आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) इससे दूर रहें। शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस(नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपी) जद(से), आरएसपी, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए। यह बैठक, राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जाना प्रारंभ होने के दिन हुई है।
राकांपा के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, जनता दल (सेक्युलर) के एच डी देवगौड़ा और एस डी कुमार स्वामी, सपा के अखिलेश यादव, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेकां के उमर अब्दुल्ला बैठक में शरीक हुए प्रमुख नेताओं में शामिल थे।
नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने की उठी मांग, JDU सांसद ने गिनाए बिहार CM के गुण
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।