एक डेटा आया है..मतलब आंकड़ा । इस आंकड़े को लेकर पूरी दुनिया में बहस हो रही है । और इस बहस के केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं । ये डेटा इस बात को लेकर है कि दुनिया के किन-किन देशों में नौकरियां जाने वाली है, बाजार की हालत पतली होने वाली है । दुनिया में कहां-कहां कंपनियों के लिए हालात मुश्किल होने वाले हैं । सरकारों के लिए भी चुनौती बड़ी होने वाली है । कहां -कहां महंगाई और बढ़ने वाली है। ये रिपोर्ट एक तरह से आने वाले समय के लिए दुनिया के 15 देशों का रिपोर्ट कार्ड है । ऐसा रिपोर्ट कार्ड जिसे वहां की सरकार या संस्था ने नहीं तैयार किया..बल्कि एक स्वतंत्र संस्था ने बनाया है..उसे जारी किया है ।
मंदी आने की आशंका नाम की रिपोर्ट
इस रिपोर्ट कार्ड में 15 देशों के नाम हैं । इसका शीर्षक है Recession probability forecasts . मतलब मंदी आने की आशंका । इसमें सबसे पहला नाम है..श्रीलंका..जहां 85% आशंका है कि मंदी आ जाएगी । पहले से भी वहां की हालत खराब है..आप तस्वीरों, रिपोर्ट्स में देख ही रहे हैं । दूसरे नंबर पर है न्यूजीलैंड जहां 33% आशंका है कि मंदी आ रही है । लोगों की नौकरियां जा सकती हैं..सरकार के खर्च में कटौती हो सकती है । हालात खराब हो सकते हैं । चौथे और पांचवें नंबर पर है साउथ कोरिया और जापान । जहां 25% तक इस बात की आशंका है कि मंदी आ सकती है । छठे नंबर पर चीन है..यहां भी 20% आशंका है मंदी आएगी । उसके बाद चार देशों के नाम हैं । । हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, पाकिस्तान । यहां भी 20% आशंका मंदी आने की है । इस पूरी लिस्ट में इंडिया का भी नाम है..लेकिन जानते हैं इंडिया में मंदी आने की आशंका कितनी है..जीरो फीसदी ।
किस महाद्वीप पर कितना जोखिम ?
'फ्री रेवड़ी' पर सवाल
यहां अर्थव्यवस्था पर संकट
मंदी की संभावना पर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर मंदी का असर नहीं होगा। श्रीलंका, चीन, अमेरिका पर मंदी का जोखिम।है। यूरोप में 50-55 फीसदी मंदी का जोखिम अमेरिका में 40 फीसदी मंदी संभव है वहीं एशिया में 20-25 फीसदी मंदी का संकट हो सकता है।
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