नई दिल्ली : 2020 के पद्मश्री अवॉर्ड के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। इस साल 21 लोगों को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किए जाएंगे। इसमें मोहम्मद शरीफ नाम के एक शख्स भी शामिल हैं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है। इनकी कहानी काफी भावुक करने वाली है। वे पिछले 25 सालों से अयोध्या में लावारिश लाशों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।
वे पूरे अयोध्या में शरीफ चाचा के नाम से मशहूर हैं और पेशे से साइकिल मैकेनिक हैं। ये रोजाना कब्रिस्तान और शमशान भूमि के बीच चक्कर काटते रहते हैं और लावारिश लाश मिलने पर वे इनका अंतिम संस्कार करते हैं।
आमिर खान के शो में बताई थी कहानी
बता दें कि ये आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में भी आ चुके हैं जहां पर वे अपनी कहानी बता चुके हैं। उनकी कहानी ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। तारीफ की बात ये है कि वे ना सिर्फ मुसलमानों को बल्कि हिंदु, ईसाई, सिखों के पार्थिव शरीरों का भी अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।
बेहद दर्दनाक है इनकी कहानी
मो. शरीफ के मुताबिक 28 साल पहले उनका बेटा रईस खां केमिस्ट के तौर पर सुल्तानपुर किसी काम के सिलसिले में गया था। वहीं से वह एक महीने तक गायब रहा। उसी दौरान राम जन्मभूमि का विवाद चल रहा था। पता चला कि उसी दौरान दंगों में उसे मार कर रेलवे लाइन के किनारे फेंक दिया। जिसके बाद बाद में एक बोरे में लावारिस लाश की तरह उसकी बॉडी मिला।
...तब किया ये फैसला
जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्हें काफी धक्का लगा तभी से उन्होंने ये फैसला किया कि अब से वे किसी भी लावारिश लाश को लावारिस नहीं रहने देंगे। उन्होंने हर पार्थिव शरीरों का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि अपने बेटे को विछोह को सहन करना उनके लिए असहनीय था इसके बाद से ही शरीफ चाचा ने तय किया कि हम किसी भी कौम की लावारिस लाश का अपमान नहीं होने देंगे उसे हम धार्मिक रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार करेंगे। मोहम्मद शरीफ के मुताबिक अपने शो सत्यमेव जयते के लिए आमिर खान ने गोपनीय तरीके से आकर पूरी स्थिति का पता भी किया था।
जानकारी के मुताबिक इस काम में वह पैसे की कमी से भी जूझते हैं लेकिन वह कैश में दिया गया दान और कफन की मदद से वे यह काम कर पा रहे हैं।
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