नई दिल्ली : आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने के लिए पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पहुंचने वाली वित्तीय मदद को रोकने में नाकाम पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि यह FATF का फैसला भारतीय रुख की पुष्टि करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक आतंकी वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ की संदिग्ध सूची में पाकिस्तान के बने रहने से एक बार फिर जाहिर हो गया है कि उसने अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे हमारे रुख की पुष्टि होती है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं। भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जबकि आतंकवाद के खिलाफ अपर्याप्त कदम उठाए जाने के कारण FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। इस संबंध में एफएटीएफ की बुधवार को तीसरी डिजिटल बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया।
पाकिस्तान अक्टूबर तक एफएटीएफ की ग्रे सूची में रहेगा, जब इस संस्था की अगली बैठक होगी। अगर पाकिस्तान फिर भी आतंकियों को वित्तीय सहायता रोकने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। एफएटीएफ ने अगर पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया तो देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है, जो पहले से ही बुरी स्थिति में है।
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