तिरुवनंतपुरम (केरल) : देशव्यापी कोरोना संकट के बीच सरकार ने अनलॉक 1 के दौरान कई तरह से प्रतिबंधों में ढील दी है। धार्मिक स्थलों, होटलो, मॉल्स आदि को सशर्त खोलने की अनुमति दे दी है। लेकिन इसके बावजदू भी कई संस्थाएं ऐसी हैं जो कोरोना के खतरे को देखते हुए अभी पाबंदी में ढील देने के मूड में नहीं है। ऐसा ही एक मामला केरल के तिरुवनंतपुरम से आया है जहां के एक इमाम ने मस्जिद को नहीं खोलने का फैसला किया है।
इसलिए लिया गया फैसला
पलायम जुमा मस्जिद के इमाम वीपी सुहैब मौलवी ने बताया, 'यह निर्णय तिरुवनंतपुरम के लिए लिया गया है, जहां बहुत सारे यात्री आते हैं। ऐसे में नमाज़ के लिए मस्जिद में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। विशेष रूप से, शुक्रवार जुमे की नमाज के लिए जब 2,000 से अधिक लोग भाग लेते हैं तो फिर भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होगा।'
अजनबी को पहचानना मुश्किल
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ रही है, और यह बेहतर होगा कि शहर की मस्जिदें सावधानी बरतें। उन्होंने कहा, 'गांवों में हर कोई एक दूसरे को जानता है लेकिन इसके विपरीत शहर में बहुत सारे अजनबी मस्जिद में जाते हैं। अगर कोई क्वांरटीन दिशानिर्देशों को तोड़कर प्रार्थना करने आता है तो उन्हें पहचानना मुश्किल होगा। इसलिए हमने पलायम जुमा मस्जिद को नहीं खोलने का फैसला किया है।'
8 जून से खुलेंगे धार्मिक स्थल
उन्होंने धार्मिक स्थलों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा घोषित लॉकडाउन में छूट का स्वागत किया, लेकिन दी गई स्थिति में सतर्क रहने का फैसला किया। आपको बता दें कि पूरे देश में धार्मिक स्थानों को 8 जून से खोलने की अनुमति दी गई है। सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक, धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए।
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