मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह की मुंबई पुलिस आयुक्त के तौर पर शनिवार को नियुक्ति की। मुंबई के पुलिस आयुक्त बनने से पहले 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक के तौर पर तैनात थे। सिंह ने संजय बर्वे की जगह ली है जो शनिवार को सेवानिवृत्त हुए।
बता दें कि वे इससे पहले महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख थे। इससे पहले वे एटीएस में डिप्टी आईजी के पद पर भी तैनात थे। वे 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और 32 साल के पुलिस करियर का उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। वे चंद्रपुर और भंडारा जिले के एसपी भी रह चुके हैं। वे संजय बर्वे की जगह लेंगे, बर्वे जो कि 31 अगस्त को ही रिटायर होने वाले थे लेकिन उन्हें दो बार 3-3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था।
नवी मुंबई में दंगाईयों से निपटने खुद मैदान में उतरे थे
परमबीर सिंह कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर कर चुके हैं। कई हाई प्रोफाइल केसों के निपटारे में उनका नाम आता रहा है। नवी मुंबई में जब दंगा हुआ था तब वे उनसे निपटने के लिए खुद उसमें उतर गए थे और दंगे पर काबू पाया था। इसके अलावा उन्होंने ठाणे में फर्जी कॉल सेंटर रैकेट का खुलासा किया था।
मुंबई में तोड़ दी अंडरवर्ल्ड की कमर
इससे पहले वे मालेगांव ब्लास्ट को लेकर भी चर्चा में आए थे। इन्हीं के दिशा-निर्देश में इस मामले की जांच आगे बढ़ी और एटीएस ने इसकी साजिश में आरोप में प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था। वे मुंबई में अंडरवर्ल्ड की कमर तोड़ने के जाने जाते हैं।
इकबाल कासकर की गिरफ्तारी
2017 में दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी भी इन्हीं के नेतृत्व में किया गया था। उस समय वे ठाणे पुलिस के कमिश्नर थे। बिल्डर से उगाही के लिए धमकी के आरोप में इकबाल को गिरफ्तार किया गया था।
90 के दशक में सबसे ज्यादा एनकाउंटर
90 के दशक में इन्होंने स्पेशल ऑपरेशन स्क्वॉड बनाई थी जिसके अंदर मुंबई पुलिस के इतिहास में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड है। 1993 में सीरियल बम ब्लास्ट का खुलासा करने का भी श्रेय इन्हें ही जाता है। इस मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को भी इन्होंने ही आरोपी बनाया।
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