नई दिल्ली : विपक्ष के निलंबित 8 राज्यसभा सदस्यों ने संसद परिसर में जारी अपना धरना समाप्त कर दिया है। विपक्षी पार्टियों ने मानसून सत्र के शेष कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसके पहले मंहलवार सुबह निलंबित आठ सदस्यों के लिए राज्यसभा उपसभापति हरिवंश उनके लिए चाय और बिस्किट ले गए। इसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। पीएम मोदी ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कुछ दिनों पहले अपना अपमान करने वाले के लिए चाय ले जाना हरिवंश जी की विनम्रता को प्रदर्शित करता है। हरिवंश जी का हृदय काफी विशाल है।'
कृषि सुधारों से विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान राज्यसभा में 'आक्रामक व्यवहार' दिखाने वाले विपक्ष के आठ सदस्यों को मानसून सत्र के शेष दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था। अपने इस निलंबन के खिलाफ ये सदस्य संसद परिसर में सोमवार को महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। सांसदों का कहना है कि जब तक इनका निलंबन वापस नहीं होगा तब तक ये धरने पर बैठे रहेंगे।
संसद से पारित हुए कई विधेयक
राज्यसभा से बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक, कंपनी (संशोधन) विधेयक पारित हो गए हैं। इसके साथ ही संसद से अनाज, दाल, तेल, तिहलनस प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर रखने वाले विधेयक को भी पारित किया। राज्यसभा से नेशनल फॉरेंसिंक साइंस यूनिवर्सिटी बिल 2020 भी पारित हो गया है।
डिप्टी चेयरमैन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने अपने खिलाफ हुए 'दुर्व्यवहार' के बारे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। उन्होंने 20 सितंबर को अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी है।
कांग्रेस की सरकार से 3 मांग
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी तीन मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक हम सत्र का बहिष्कार करेंगे। सरकार एक बिल लाए जिसमें यह तय किया जाए कि कोई निजी कंपनी एमएसपी से नीचे किसानों से खरीदारी नहीं करेगी। दूसरा स्वामीनाथन कमीशन के हिसाब से एमएसपी तय की जाए और तीसरी एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां एमएसपी के नीचे किसानों के उत्पाद नहीं खरीदेंगी।
हम सत्र का बहिष्कार करेंगे-सपा
सपा सांसद राम गोपाल वर्मा ने कहा, 'मैं संसद का वरिष्ठ सदस्य हूं। राज्यसभा में जो कुछ हुआ उसके लिए मैंने माफी मांगी लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। यह मेरे लिए काफी अपमानजनक है। मेरी पार्टी ने इस सत्र का पूरा बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।'
सांसदों के निलंबन से खुश नहीं-नायडू
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सांसदों के निलंबन से वह खुश नहीं हैं। यह कार्रवाई उनके आचरण के खिलाफ की गई है। नायडू ने कहा कि किसी सदस्य के खिलाफ उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। नायडू ने विपक्ष के सदस्यों से वापस सदन में आने का अनुरोध किया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'उच्च सदन में जो कुछ हुआ क्या वह पीड़ादायक नहीं है? हम बातचीत के लिए तैयार हैं।'
राज्यसभा से कांग्रेस का वॉकआउट
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सरकार से अलग से विधेयक लाए जाने की मांग की। आजाद का कहना है कि एक ऐसा विधेयक होना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे प्राइवेट कंपनियां एमएसपी से नीचे किसानों से खरीदारी न कर पाएं। एमएसपी का निर्धारण स्वामीनाथन फॉर्मूले के हिसाब से तय होना चाहिए। आजाद ने कहा कि जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि नाराज होने पर व्यक्ति अपना आपा खो देता है। उन्होंने कहा, 'मैं सभापति से सांसदों का निलंबन वापस लेने का अनुरोध करता हूं। मैं इन आठ सांसदों की तरफ से माफी मांगता हूं।'
चाय-बिस्कुल लेकर पहुंचे हरिवंश
विपक्ष के निलंबित आठ सांसद सोमवार से धरने पर बैठे हैं। सांसद अपने साथ तकिया और चादर लेकर आए और पूरी रात संसद परिसर में बिताई लेकिन मंगलवार सुबह राज्यसभा के उप सभापति उनके पास आकर चौंका दिया। हरिवंश अपने साथ चाय और बिस्किट लेकर आए थे। हालांकि जानकारी सामने आई कि सांसदों ने चाय पीने से मना कर दिया। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा, 'हरिवंश जी हमसे मिलने एक सहयोगी के रूप में आए थे, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन के रूप में नहीं। वह हमारे लिए चाय और कुछ स्नैक्स लेकर आए थे। निलंबन के खिलाफ हमने सोमवार को अपना धरना शुरू किया। हमने पूरी रात यहां गुजारी है। सरकार की तरफ से कोई भी हमारा हाल-चाल जानने नहीं आया। विपक्ष के कई सदस्य हमसे मिलने आए और हमारे साथ एकजुटता दिखाई। हम अपना धरना जारी रखने जा रहे हैं।'
विपक्ष के आठ सांसद हैं निलंबित
राज्यसभा के ये निलंबित सदस्य हैं-राजीव सातव, नासिर हुसैन, रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेना, डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), केके रागेश, एलामारम करनीन (सीपीएम), संजय सिंह (आप)। सोमवार को इन सांसदों के खिलाफ सत्ता पक्ष की ओर से निलंबन प्रस्ताव लाया गया जिसे ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई। इस दौरान भी राज्यसभा में काफी हंगामा देखने को मिला। निलंबित सांसदों का कहना है कि इस कार्रवाई से उनकी आवाज नहीं दबाई जा सकती। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को इन सदस्यों से मुलाकात की।
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