नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों में G-23 के नेताओं ने कांग्रेस पार्टी और आलाकमान पर खूब निशाना साधा। अब पार्टी के नेताओं और सदस्यों को प्राथमिक सदस्यता लेने के लिए एक अंडरटेकिंग पर साइन करना होगा जिसमें लिखा है कि वो पार्टी की कभी खुले तौर पर आलोचना नहीं कर सकते हैं। दरअसल ये अंडरटेकिंग प्राइमरी मेम्बरशिप फॉर्म का हिस्सा है। इस फॉर्म में लिखा है,'मैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना पार्टी फोरम के अलावा कहीं और नहीं करूंगा।'
इसी साल सितंबर में G-23 का हिस्सा रहे कपिल सिब्बल ने सवाल खड़ा करते हुए पूछा था कि पार्टी में फैसले कौन ले रहा और अध्यक्ष कौन है हमें नहीं पता है। वहीं गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी संगठन के चुनावों को जल्द से जल्द कराने कराने की मांग की थी। इसके अलावा भी कई मौकों पर ये देखने को मिला कि G-23 के नेता मीडिया-सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के फैसलों की आलोचना करते रहे। इस अंडरटेकिंग को पार्टी की सार्वजनिक तौर पर बुराई करने वालो पर लगाम लगाने की कोशिश की तौर पर देखा जा सकता है।
इसी महीने की 16 अक्टूबर को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर G-23 के नेताओं पर निशाना साधा था। श्रीमती सोनिया गांधी ने हिदायत देते हुए कहा था कि, 'मीडिया के जरिये मुझसे बात न करके मुझसे सीधे बात करें। इस चारदीवारी के बाहर वहीं बातें बाहर जानी चाहिए जो सर्वसम्मति से लिए गए हों।'
कांग्रेस वर्किंग कमिटी की इस बार की बैठक में संगठनात्मक चुनाव कराने का फैसला किया गया था। साल भर चलने वाले इन चुनावों के आखिरी में पार्टी अध्यक्ष चुना जाना है। चुनाव के पहले चरण में 1 नवम्बर से अगले 5 महीने तक 31 मार्च 2022 तक पार्टी की प्राथमिकत सदस्यता का अभियान चलाया जाएगा।
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