Patna Terror Module: ताहिर ने व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ रखे थे कई पाकिस्तानी, लिखा- 2023 में डायरेक्ट जिहाद करेंगे

Patna Terror Module: पुलिस ने जब देश विरोधी साजिश वाले ग्रुप के एडमिन ताहिर को पकड़ा तो TIMES NOW नवभारत ने ताहिर से बात की। ताहिर ने हिंसा की बात कबूल की। व्हाट्सऐप चैट में लिखा था कि 2023 में डायरेक्ट जिहाद करेंगे।

Patna Terror Module Tahir added many Pakistanis to the WhatsApp group wrote Will do direct jihad in 2023
ताहिर ने गजवा-ए-हिंद के नाम से बनाया था व्हाट्सऐप ग्रुप 
मुख्य बातें
  • Patna में गजवा-ए-हिंद वाली साजिश में नया खुलासा
  • ताहिर ने गजवा-ए-हिंद के नाम से बनाया था व्हाट्सऐप ग्रुप
  • व्हाट्सऐप चैट में लिखा- 2023 में डायरेक्ट जिहाद करेंगे

पटना के फुलवारी शरीफ में PFI की साजिश मामले गिरफ्तारियों का दौर जारी है। अतहर परवेज और जलालुद्दीन को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं।टना पुलिस की गिरफ्त में आए इलियास ताहिर को लेकर एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। उसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन तक जुड़े हुए है। WHATSAPP मैसेज के जरिए इसका खुलासा हुआ है जिसमें कई पाकिस्तानी जोड़ रखे थे।।

विदेशों तक जुड़े तार

आतंकी साजिश के तार कहां तक ? ये सवाल इसलिए , क्योंकि पटना पुलिस की गिरफ्त में जो शख्स आया है। उसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन तक जुड़े हुए है। पटना पुलिस की गिरफ्त में आए साधारण सा दिखने वाला इलियास ताहिर के आतंकी तार कहां-कहां जुड़े हैं। इसकी साजिश कितनी खौफनाक है WHATSAPP मैसेज इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।   ताहिर सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में था।

व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ रखे थे पाकिस्तानी

ताहिर गजवा-ए- हिंद नाम के ग्रूप से जुड़ा था जिसमें दस लोग शामिल थे जिसमें आठ लोग बांग्लादेश के थे। WHATSAPP मैसेज का स्नैप शॉट्स साफ- साफ बता रहा है कि ताहीर गजवा-ए हिंद से जुड़ा था..इस बात को कैमरा पर उसने क़बूल किया है।  इतना ही नहीं, एक और तस्वीर सामने आई है, जिसे हम दिखा नहीं सकते..जिसका ताल्लुक कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक से है। इस ग्रूप में कुल 181 लोग जुड़े हुए थे।इस ग्रुप का एडमिन पाकिस्तानी था जिसका नाम जीशान है। जीशान ने ही ताहिर को इस ग्रुप का एडमिन बनाया। इसका मकसद था भारत में 2023 में डाइरेक्ट जिहाद करना था।

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ऐसे हुआ था खुलासा

इससे पहले पुलिस ने 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था जिनकी पहचान अतहर परवेज और जलालुद्दीन के तौर पर हुई थी। दोनों को लेकर जो खुलासे सामने आए वो सन्न करने वाले हैं। जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर दरोगा है,  इसका काम सिमी के पुराने सदस्यों को पीएफआई से जोड़ना था। वहीं अतहर परवेज फंडिंग का इंतजाम करता था। ये सब मिलकर अहमद प्लेस में टेरर ट्रेनिंग कैंप चला रहे थे, जिसमें ट्रेनिंग लेने वाले लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए किसी हिंदू की फेक आईडी लेकर ट्रेवल करते थे। पटना के एसएसपी ने बताया कि ये सभी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश पर भी काम कर रहे थे। इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। पटना पुलिस ने उन होटल्स की पहचान भी कर ली है जहां पर ट्रेनिंग के लिए आने वाले युवक रुकते थे।  

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