चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान उद्योग एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन का भुगतान यदि करते रहे तो वे दिवालिएपन का शिकार हो जाएंगे। कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कर्मचारियों को वेतन भुगतान के बारे में उद्योग एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भेजे गए निर्देशों पर दोबारा विचार करने के लिए अनुरोध किया है। कैप्टन ने कहा है कि इस कठिन दौर में उद्योग एवं प्रतिष्ठानों को अपूरणीय क्षति पहुंचाए बगैर कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को नए उपायों की तलाश करनी चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की है। इस आदेश में कहा गया है, '...सभी नियोक्ता, चाहे वे उद्योग से जुड़े हों या दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान से, वे अपने कर्मचारियों को पूरे वेतन का भुगतान तय समय एवं स्थान पर करेंगे।'
कैप्टन ने कहा कि आदेश के इस हिस्से पर दोबारा विचार करने की जरूरत है क्योंकि यह उद्योग, दुकानों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भारी असर डालेगा। यही नहीं यह कदम इन्हें दिवालिएपन की तरफ धकेल सकता है। लॉकडाउन के चलते व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं दुकानों की आय पूरी तरह से बंद हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के इस दौर से उबरने और कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार को नए प्रावधानों एवं विकल्पों की तलाश करनी चाहिए।
बता दें कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ा दी। कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी ने 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया। लॉकडाउन की यह अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही थी। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाते हुए पीएम ने कहा कि उन्हें पता है कि इससे लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन कोविड-19 को हराने के लिए धैर्य एवं अनुशासन की जरूरत है। लॉकडाउन के दौरान देश की 1.3 अरब की आबादी अपने घर में है।
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