नई दिल्ली । कोरोना का सबसे अधिक खतरा अस्पताल आने वालों को है। संदिग्ध मरीजों समेत पॉजिटिव मरीज भी अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे में मामूली सर्दी-जुकाम समेत अन्य बीमारियों के मरीजों को संक्रमण का खतरा रहता है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वचुर्अल अस्पताल पर काम शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग वेबसाइट के माध्यम से लोगों को इलाज उपलब्ध करवाएगा। इसके लिए सरकारी समेत प्राइवेट डॉक्टरों से भी अनुबंध किया जा रहा है। विभाग के अनुसार अब तक 500 से अधिक डॉक्टरों को इस प्रक्रिया में जोड़ा जा चुका है। चिकित्सकीय परामर्श देने वाली वेबसाइट जल्द ही शुरू हो जाएगी। मरीजों को नि:शुल्क परामर्श मिलेगा। इस सिस्टम में गंभीर बीमारियों के मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श के अलावा उन्हें अस्पताल लाने और ले जाने के लिए एंबुलेंस और जांच के लिए लैब की सुविधा मिलेगी।
कोरोना के कारण परेशान हो रहे थे सामान्य मरीज
कोरोना के मामले बढऩे के साथ ही सरकारी समेत प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद कर दी गई थी। पूरा अमला कोरोना के नियंत्रण में जुट गया था। ऐसे में वे मरीज परेशान हो रहे थे, जिनका इलाज चल रहा था। वे डॉक्टर से परामर्श भी नहीं ले पा रहे थे। वहीं बीमार होने पर भी लोग अस्पताल जाने से डर रहे थे। वर्तमान परिस्थितियां सामान्य होने में काफी समय लगेगाा, इसलिए वर्चुअल अस्पताल को लेकर काम शुरू किया गया। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
अपलोड करनी होगी मेडिकल हिस्ट्री
गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज भी वेबसाइट से परामर्श ले पाएंगे। मरीजों को पहले अपनी मेडिकल हिस्ट्री जैसे सिटी स्कैन, एक्स-रे रिपोर्ट, ब्लड टेस्ट रिपोर्ट समेत पहले से चल रहे इलाज से संबंधी मेडिकल पर्ची वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। प्रत्येक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ऑनलाइन परामर्श के लिए निर्धारित समय पर उपलब्ध रहेंगे। वहीं प्राइवेट डॉक्टरों को भी नि:शुल्क सेवा के लिए जोड़ा जा रहा है। निजी चिकित्सक अस्पताल के अलावा अपने घर से भी परामर्श दे सकते हैं। इस सिस्टम में जरूरत पडऩे पर मरीज को अस्पताल आने की सलाह दी जाएगी। मरीजों को बताई गई दवा भी घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
इस तरह मिलेगाा इलाज
स्वास्थ्य विभाग की टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर कॉल सेंटर ऑपरेटर नाम और पता पूछने के बाद बीमारी की जानकारी लेंगे। इसके बाद पूछेंगे कि आप किस डॉक्टर को दिखाना चाहते हैं। अगर वे डॉक्टर ऑनलाइन सिस्टम से कनेक्ट होंगे तो कॉल उनके मोबाइल पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। अगर मरीज ने किसी डॉक्टर का नाम नहीं लिया तो संबंधित बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर को कॉल कनेक्ट कर दिया जाएगा। उसके बाद मरीज अपनी बीमारी और उसकी पूरी जानकारी डॉक्टर को बता सकेंगे।
निजी लैब को भी करेंगे शामिल
इस वेबसाइट के माध्यम से सरकारी और निजी लैब के द्वारा भी सैंपल कलेक्शन की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए इच्छुक निजी लैब का पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत लैब की रिपोर्ट भी ऑनलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर बीमारियों के लिए लगातार इलाज की आवश्यकता होती है। कुछ बीमारियों के इलाज के लिए लंबे समय तक रुकना संभव नहीं होता। लॉकडाउन के समय इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाएं प्राप्त करने में आ रही समस्या को देखते हुए इस प्रकार की बीमारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिनमें लगातार चिकित्सकीय परामर्श और इलाज की जरूरत है। ऐसे अस्पतालों तथा इलाज की आवश्यकता वाले मरीजों का पंजीयन कर उन्हें आनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जाएगी।
कोरोना के अंदेशे को खत्म कर देंगे
प्रदेश में कोरोना के हर अंदेशे को खत्म करने की तैयारी है। सामान्य लक्षण दिखने पर अब लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं। वे वेबसाइट के माध्यम से इलाज और परमर्श ले सकते हैं। सभी जिलों के कोरोना के संभावित मरीजों की तलाश के साथ ही सामान्य सर्दी-जुकाम और सांस की तकलीफ वाले हर मरीज की जांच होगी। सरकारी के साथ प्राइवेट डॉक्टर को भी इसमें जोड़ रहे हैं। टेस्ट, अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस और दवा घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है- टीएस सिंहदेव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, छत्तीसगढ़
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