नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को पिंजड़ा तोड़ एक्टिविस्ट नताशा नरवाल को तीन सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी। नताशा 2020 के दिल्ली हिंसा मामले में यूएपीएस के तहत आरोपों का सामना कर रही हैं। रविवार को एक्टिविस्ट के पिता की मौत कोरोना से हो गई जिसके बाद उन्हें जमानत मिली है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भम्भानी की खंडपीठ ने कहा कि दुख की इस घड़ी में नताशा को जमानत देना जरूरी है।
नताशा का भाई भी कोरोना पॉजिटिव
नताशा की रिहाई के लिए पिछले सप्ताह कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। इस अर्जी में कहा गया कि उनके पिता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें रोहतक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि पिता की देखभाल कर रहे नताशा का भाई भी गत सात मई को पॉजिटिव हो गया। ऐसे में वह अपने पिता की देखभाल करने में असमर्थ है।
आइसोलेसन में है भाई
रिपोर्टों के मुताबिक वकील अदित पुजारी ने कोर्ट को बताया, 'महावीर नरवाल की कल शाम छह बजे अस्पताल में मौत हो गई। उनका लड़का और नताशा का भाई कोविड की वजह से आइसोलेशन में है। ऐसे में उनके परिवार में कोई नहीं है जो उनका अंतिम संस्कार करे।' कोर्ट को यह भी बताया गया कि शव नताशा को सौंपने के लिए रोहतक में अस्पताल प्रशासन एक्टिविस्ट के आने का इंतजार कर रहा है।
दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद हैं नताशा
दिल्ली पुलिस ने नताशा की जमानत अर्जी का विरोध नहीं किया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह मामले में कोई ट्वीट नहीं करेंगी। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने गत 23 मई को पिंजड़ा तोड़ एक्टिविस्ट देवांगना कलीता के साथ नताशा को उनके घर से गिरफ्तार किया।
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