नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में दुनिया का ऊंचा रेलवे ब्रिज बनकर लगभग तैयार हो गया है। करीब तीन साल पहले इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिज की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय रेलवे चिनाब ब्रिज के स्टील आर्क के साथ एक और कार्तिमान रचने के लिए अच्छी तरह से काम कर रहा है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है।'
आइकॉनिक 'चिनाब ब्रिज' इस खंड में तैयार होने वाली की प्रमुख संरचनाओं में से एक है। इसका निर्माण रहस्यमयी चिनाब नदी पर किया जा रहा है जिसे लोककथाओं में चंद्रमा की नदी कहा गया है। यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है। दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के कारण रणनीतिक महत्व रखने वाले इस क्षेत्र के लिए यह रेलवे लाईन देश के सशस्त्र बलों के लिए भी सहायक सिद्ध होगी।
इस पुल की लंबाई 1,315 मीटर है। इसमें 17 स्पैन यानी पाट हैं। नदी के पार जाने वाले मुख्य मेहराब की लंबाई 476 मीटर है। यह अब तक बनी किसी भी ब्रॉड गेज लाइन की सबसे लंबी मेहराब है। यह पुल एफिल टॉवर (324 मीटर) से 35 मीटर ऊंचा और कुतुब मीनार के मुकाबले लगभग 5 गुना अधिक ऊंचा होगा।
इस पुल को रिक्टर पैमाने पर 7 और उससे अधिक की तीव्रता के भूकंपों को झेलने के लिहाज से तैयार किया गया है। भारत में पहले ऐसे किसी पुल का निर्माण नहीं हुआ था और इसलिए इस विशाल संरचना के निर्माण के लिए कोई संदर्भ कोड या डिजाइन भी उपलब्ध नहीं था। ऐसे में इस विशाल निर्माण के लिए वास्तुशिल्प अंततः दुनिया भर में इसी तरह की परियोजनाओं से प्राप्त अनुभवों और कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों के विशेषज्ञों से राय के आधार पर तैयार की गई।
भारतीय रेलवे नेटवर्क की 272 किलोमीटर "उधमपुर-कटरा-क़ाज़ीगुंड-बारामुला" (यूएसबीआरएल) राष्ट्रीय रेल परियोजना लाइन के माध्यम से कश्मीर घाटी को शेष भारत के साथ जोड़ा जाना है। इस रेल लाइन पर कार्य पूरा हो जाने के बाद सभी मौसमों में आरामदायक, सुविधाजनक और समय की बचत के साथ जम्मू और कश्मीर के दूर-दराज और सुदूरवर्ती क्षेत्रों को परिवहन की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
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