कांग्रेस और चीन के बीच 2008 में हुए समझौते की जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर

देश
आलोक राव
Updated Jun 25, 2020 | 07:23 IST

Congress-China MoU of 2008 : कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच साल 2008 में हुए समझौते की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई है। समझौते की जांच एनआईए से कराने की मांग की गई है।

Plea in Supreme Court seeks probe into Congress-China MoU of 2008
कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संबंधों की जांच की मांग।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • 2008 में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के बीच सहमित पत्र का दिया गया है हवाला
  • अर्जी में कहा गया है कि उस समय इस सहमति पत्र के तथ्य एवं विवरण सार्वजनिक नहीं हुए
  • यूएपीए के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से इस सहमति पत्र की जांच कराने की मांग की गई है

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच साल 2008 में बने सहमति पत्र (एमओयू) की जांच कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक अर्जी दाखिल की गई। एक वकील की ओर से दायर इस अर्जी में कहा गया है कि इस सहमति पत्र से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचने की आशंका है, इसलिए इसकी जांच यूएपीए कानून के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) अथवा सीबीआई से कराई जानी चाहिए। इस केस में सोनिया गांधी और राहुल को भी पक्ष बनाया गया है।

उस समय सार्वजनिक नहीं हुए सहमति पत्र के ब्योरे
अर्जी में आरोप लगाया गया है कि चीन के साथ भारत के 'शत्रुतापूर्ण' संबंध होने के बावजूद केंद्र में जब कांग्रेस के नेतृत्व में जब गठबंधन की सरकार थी तो उस समय पार्टी ने चीन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। उस समय कांग्रेस ने इस सहमति पत्र के तथ्यों एवं ब्योरों को सार्वजनिक नहीं किया। कांग्रेस पार्टी के अलावा इस केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल को भी पार्टी बनाया गया है। अर्जी में अपील की गई है कि, 'कोर्ट को यूएपीए के तहत एनआईए को इस समझौते की जांच का निर्देश जारी करना चाहिए।'

गलवान घाटी की हिंसा के बाद सरकार पर हमलावर है कांग्रेस
बता दें कि 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी सरकार पर लगातार हमलावर है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय क्षेत्र में चीन के अतिक्रमण को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल सरकार से कई बार सवाल पूछ चुके हैं कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाकों पर कब्जा किया है। यहां तक कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 'सरेंडर मोदी' भी कहा है। कांग्रेस नेता ने सरकार से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

सर्वदलीय बैठक में सोनिया ने पूछे सख्त सवाल
विपक्ष को एलएसी के हालात की जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीन की घुसपैठ को लेकर सरकार से कई सख्त सवाल किए। सोनिया ने पूछे कि क्या एलएसी पर बने हालात पर कोई खुफिया विफलता हुई है? उन्होंने पीएम मोदी से आश्वासन चाहा कि सीमा पर यथास्थिति बहाल की जाएगी। उन्होंने सरकार के सामने सवाल रखे और पूछा कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में कब प्रवेश किया? उन्होंने पूछा, ‘क्या सरकार के विचार से कोई खुफिया नाकामी हुई?’

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