लाहौल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में विश्व की सबसे ऊंची और लंबी सुरंग का उद्धाटन किया। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा सेना के विभिन्न अधिकारी भी मौजूद रहे। टनल का उद्धाटन करने के बाद पीएम मोदी ने उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'जिस रफ्तार से 2013-14 में अटल टनल पर काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरी होती। इसके काम में 2014 के बाद अभूतपूर्व तेजी लाई गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया है।' इसके बाद पीएम मोदी लाहौल स्पीति पहुंचे जहां उन्होंने सीसू में एक जनसभा को संबोधित किया।
सबको मिलेगा लाभ
सीसू में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों को अटल टनल के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'अटल टनल के बनने से लाहौल-स्पीति और पांगी के किसान हों, बागवानी से जुड़े लोग हों, पशुपालक हों, स्टूडेंट हों, नौकरीपेशा हों, व्यापारी-कारोबारी हों, सभी को लाभ होने वाला है। अब लाहौल के किसानों की गोभी, आलू और मटर की फसल बर्बाद नहीं होगी, बल्कि तेजी से मार्केट पहुंचेगी। लाहौल स्पीति एक प्रकार से औषधीय पौधों और अनेक मसालों का उत्पादक है। ये उत्पाद पूरे देश में हिमाचल की, लाहौल की पहचान बन सकते हैं। अटल टनल बनने के बाद यहां के लोगों को बच्चों की पढ़ाई के लिए पलायन की जरूरत नहीं होगी।'
बौद्ध अनुयायियों के लिए बड़ा सेंटर बनेगा लाहौल
लाहौल की खूबसूरती का वर्णन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'स्पीति घाटी में स्थित देश में बौद्ध शिक्षा के एक अहम केंद्र ताबो मठ तक दुनिया की पहुंच और सुगम होने वाली है। एक प्रकार से ये पूरा इलाका पूर्वी एशिया समेत विश्व के अनेक देशों के बौद्ध अनुयायियों के लिए भी एक बड़ा सेंटर बनने वाला है। लाहौल स्पीति देश का पहला ऐसा जिला है जहाँ हर घर को साफ और पीने योग्य पाइप्ड पानी मिल रहा है। जल जीवन मिशन लोगों के लिए जीवन आसान बना रहा है। 15 करोड़ परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए देश में व्यापक आंदोलन चलाया जा रहा है।'
पीएम मोदी ने आगे कहा 'अब देश में नई सोच के साथ काम हो रहा है। सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है। अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं। अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाए, पीछे न रह जाए। इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है।'
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