नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई पीएम की जम्मू कश्मीर के अहम नेताओं संग ये बैठक हुई बैठक में कांग्रेस का नेतृत्व गुलाम नबी आजाद ने किया, इस बैठक में राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात और कंद्रशासित प्रदेश के बारे में अगली रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला के अलावा कुछ अन्य बड़े अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि परिसीमन तेज गति से होना है ताकि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो सकें और वहां एक चुनी हुई सरकार मिले जिससे राज्य के चौतरफा विकास को मजबूती मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को, विशेषकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना है और उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति सुनिश्चित करना है।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में विश्वास बहाली की जरूरत है,जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की बहाली नयी दिल्ली की तरफ से विश्वास कायम करने का पहला कदम होगा।अब्दुल्ला ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी एवं संवैधानिक माध्यम से चुनौती देते रहेंगे। करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्य के दर्जे का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर के आईएएस और आईपीएस कैडर को भी वापस करना। पूर्ण राज्य होना चाहिए।’’
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने इस बैठक के बाद ट्वीट करते हुए कहा-हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा-प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को ‘सावधानीपूर्वक’ सुना और उन पर जवाब दिया।
ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि 'हम J&K में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।' बैठक में यह चर्चा हुई है कि परिसीमन के बाद चुनाव कराए जाएं जिसपर अधिकतर लोगों ने सहमति जताई।
बैठक खत्म होने के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा-बैठक में परिसीमन और कश्मीर के विकास को लेकर चर्चा हुई और हर किसी ने अपना दर्द सुनाया, उन्होंने कहा, संविधान के दायरे मे रहकर सबने बात रखी है, पीएम मोदी ने कहा, कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम कवींद्र गुप्ता बोले-परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव की बात हुई है। परीसिमन का काम पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे। गृहमंत्री जी ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया के तहत पूर्ण राज्य का स्टेटस भी बहाल किया जाएगा।
J&K अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा- पीएम ने हम सभी से परिसीमन की प्रक्रिया में भाग लेने को कहा। हमें आश्वासन दिया गया है कि यह चुनावों का रोडमैप है। पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "हमने बताया कि कश्मीर में जो कुछ भी जिस तरीके से हुआ, वह नहीं होना चाहिए।" आजाद ने कहा कि 'हमने बताया कि सदन के अंदर गृह मंत्री ने ही आश्वासन दिया था कि हम राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। हमने कहा कि समय तो आ गया है। शांति भी है, सीजफायर भी है। इससे अनुकूल समय नहीं हो सकता।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, पहले तो मैं अपने साथियों का शुक्रिया करता हूं, कांग्रेस की तरफ से इस मीटिंग में 5 बड़ी मांगे रखी गई जिसमें राज्य का दर्जा देने की मांग भी शामिल थी।
जम्मू और कश्मीर के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग जारी है।पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नैशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और जम्मू कश्मीर के और भी नेता मौजूद हैं।
बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर बीजेपी के नेता पीएम आवास पहुंचे, कुछ ही देर में मीटिंग शुरू होगी, नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
बैठक में शामिल होने आने वाले सभी नेताओं को कोरोना का आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया था बैठक में शामिल होने के लिए नेता दिल्ली पहुंच गए थे।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यह पहली बड़ी बैठक
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यह पहली बड़ी बैठक हो रही है। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया मजबूत करना चाहती है, इसलिए यह बैठक बुलाई गई है।
चर्चा यह भी है कि इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने का मुद्दा उठ सकता है। इस बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया है। बैठक में शामिल होने आने वाले सभी नेताओं को कोरोना संबधित रिपोर्ट लेकर आने को बोला गया था।
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