सियासत में संकेतों का अपना अलग महत्व होता है। संकेतों के जरिए राजनीतिक दल अपने विचारों के बारे में भी जनता को जानकारी देते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि वो जनता के मूड को भांप लेते हैं या यूं कहें तो समझते हैं कि जनता क्या चाहती है। मौका अहमदाबाद में खादी महोत्सव का था और पीएम मोदी खुद चरखा चलाते नजर आए। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के बीच चरखा कात उन्होंने संकेतों के जरिए विरोधियों को संदेश दे दिया कि महात्मा गांधी सिर्फ उनके लिए शब्दों में नहीं हैं बल्कि महात्मा गांधी के आदर्शों को वो जमीन पर जीते भी हैं। चरखा कातने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे घर में भी चरखा है और मेरी मां भी चरखा कातती थीं।
खादी महोत्सव में पीएम ने क्या कहा
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के भाषण के अंशों को देखें तो एक बात साफ है वो बहुत ही खूबसूरती के साथ गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी बात रख रहे थे। जब उन्होंने कहा कि मेरे घर में चरखा है और मेरी मां चलाती हैं तो उसके जरिए उन्होंने महिला शक्ति को संदेश दिया कि उनके लिए वो कितना महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही बिना नाम लिए कांग्रेस को भी संदेश दिया कि गांधी पर एकाधिकार सिर्फ उनका नहीं है। गांधी पर हक सबका है और जब वो गांधी के बारे में कुछ कहते हैं तो वो सिर्फ शब्दमात्र नहीं बल्कि जिंदगी में अमल में लाने की कोशिश भी करते हैं।
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