नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुए चर्चा का जवाब दे सकते हैं। पीएम ने सोमवार को राज्यसभा में जवाब दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी आज संसद में अपनी बात रख सकते हैं। समझा जाता है कि राहुल गांधी किसान आंदोलन पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेंगे। इस बीच लोकसभा में प्रश्नकाल बुधवार तक स्थगित रखने के केंद्रीय मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोश के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है।
लोकसभा में आधी रात तक चली चर्चा
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा 'राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी को देंगे।' लोकसभा में सोमवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आधी रात तक चली। इस चर्चा में विपक्ष के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष दोनों सदनों में आक्रामक है। बजट सत्र की शुरुआत से ही वह किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था। इस दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित भी हुई। विपक्ष किसानों के आंदोलन पर अलग से चर्चा की मांग कर रहा है।
पीएम ने किसानों से धरना खत्म करने की अपील की
तीन नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को राज्यसभा में पीएम ने किसानों को एक बार फिर भरोसा दिया कि नए कानूनों से उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही उन्होंने भरोसा देते हुए कहा कि एमएसपी थी, है और आगे भी रहेगी। पीएम ने किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की।
राजनाथ की अपील पर गतिरोध टूटा
शाम पांच बजे लोकसभा में आवश्यक कागजात सभापटल पर रखे जाने के बाद सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने बयान दिया। इससे पहले विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को आरंभ होने के करीब 10 मिनट बाद शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
राजनाथ बोले-गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी
राजनाथ ने कहा, ‘स्वस्थ लोकतंत्र में जीवंत परंपरा को बनाए रखना किसी एक पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सबकी जिम्मेदारी है। सभी इस स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को बनाये भी रखना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे पद....कोई व्यक्ति नहीं होते हैं, ये संस्था होते हैं। इन संस्थाओं की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करें और राष्ट्रपति जी को कृतज्ञता ज्ञापित करें। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी दलों के सदस्यों से हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक आग्रह करता हूं कि इस परंपरा को टूटने न दें। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए।’ रक्षा मंत्री की अपील के बाद निचले सदन में गतिरोध टूटा और धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई।
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