नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने भाषण में कहा कि सरकार ने भारत में लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। पीएम मोदी ने कहा, 'हमने अपनी बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए समिति का गठन किया है। समिति की रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के बाद हम उचित निर्णय लेंगे।'
उन्होंने कहा कि समिति उन प्रयासों को भी देखेगी जो लड़कियों में कुपोषण को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को नौसेना और वायु सेना में लड़ाकू और गैर-लड़ाकू भूमिकाओं में शामिल किया जा रहा है।
पीएम ने कहा, 'हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है। आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं।'
मोदी ने कहा, 'भारत सरकार की विभिन्न नीतियों जैसे मातृत्व अवकाश, ट्रिपल तलाक ने हमारे देश की महिलाओं को सशक्त बनाया है। 5000 से अधिक जनऔषधि केंद्रों ने गरीब महिलाओं को सिर्फ 1 रुपए में पांच करोड़ से अधिक सैनिटरी पैड प्रदान किए हैं। देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं। कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।
भारत में अभी लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। अब इसे बढ़ाया जा सकता है।
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