'भारत को बनाएं दुनिया का प्रमुख रक्षा निर्यातक देश', पीएम मोदी की निजी क्षेत्र से अपील 

रक्षा क्षेत्र में देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'डि-लाइसेंसिंग, डि-रेगुलेशन' के क्षेत्र में सरकार ने बड़े सुधार किए हैं।

 PM Modi calls for ‘atmanirbharta’ in defence sector, sets stage for ‘desi’ weapons
पीएम मोदी ने निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पादन में आगे आने की अपील की।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने भारत की छवि एक प्रमुख रक्षा निर्यातक देश के रूप में बनाने की अपील की
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निजी क्षेत्र को हथियार के डिजाइन में भी आगे आना चाहिए
  • पीएम ने कहा कि एक समय तेजस का उत्पादन ठंडे बस्ते में डालने की नौबत आ गई थी

नई दिल्ली : भारत के रक्षा क्षेत्र को और आत्म-निर्भर बनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दुनिया में देश की छवि एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में बनाने की  जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए जो प्रावधान किए गए हैं उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। प्रधानमंत्री ने एक वेबिनार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, 'दुनिया के रक्षा क्षेत्र के बड़े आयातक देशों में से एक भारत है। साल 2104 से हम रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता एवं 'इज ऑफ डुइंग' लाए हैं और इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।'

पीएम ने रक्षा क्षेत्र में सरकार के कदमों की जानकारी दी 
रक्षा क्षेत्र में देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'डि-लाइसेंसिंग, डि-रेगुलेशन' के क्षेत्र में सरकार ने बड़े सुधार किए हैं। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र के लिए निर्यात एवं विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (डीआरडीओ) ने निजी क्षेत्र के लिए एक उदाहरण पेश किया है। पीएम ने कहा कि अभ रक्षा परियोजनाओं में निजी क्षेत्र को भी शामिल किया जाना चाहिए। 

हल्के लड़ाकू विमान तेजस का जिक्र किया
प्रधानमंत्री ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के बारे में कहा कि एक समय ऐसा था कि इस लड़ाकू विमान के उत्पादन की योजना को ठंडे बस्ते में डालने की नौबत आ गई थी लेकिन सरकार के प्रयासों से आज तेजस उड़ान भर रहा है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्रों को हथियारों के निर्माण में ही नहीं बल्कि उनका डिजाइन तैयार करने एवं उनके विकास के लिए भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, 'स्वदेशी डिजाइन के बारे में निजी क्षेत्र को डीआरडीओ से सीखना चाहिए। इसमें नियम-कानूनों को अवरोध नहीं बनने देना चाहिए। इसे देखते हुए हमने तेजी से सुधार किए हैं।'

रक्षा उत्पादन क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका अहम
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में एमएसएमई क्षेत्र भी योगदान दे सकता है। वह भी बड़े उत्पादनकर्ताओं जैसा ही अहम है। तेजी से उन्नति एवं विकास के लिए हमारे स्टॉर्टअप भी नए-नए तरीकों के साथ आगे आ रहे हैं। इनकी वजह से हमारी रक्षा तैयारियों में मदद मिल रही है। पीएम ने कहा, 'हमें दुनिया में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में अपनी छवि बनानी है।'     
 

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