नई दिल्ली : संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 20वीं बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इस संगठन के देशों के साथ एक मजबूत ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंध है। पीएम ने कहा कि भारत का मानना है कि एक दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ा जा सकता है।
वर्चुअल बैठक के जरिए एससीओ के सदस्य देशों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ के एजेंडे में द्विपक्षीय मसलों को शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह एससीओ चार्टर एवं शंघाई की भावना का उल्लंघन है।' पीएम ने एससीओ के साथ भारत के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि नई दिल्ली अगले साल संगठन के फूड फेस्टिवल की मेजबानी करेगी।
पूरी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच यह पहला मौका था जब पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक-दूसरे के आमने-सामने थे। गत मई से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है। तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन जमीनी स्तर पर हालात में ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं। हालांकि दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए आपसी बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं।
कोरोना संकट के बीच एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक पहली बार वर्चुअल तरीके से हुई है। रूस इस साल संगठन की अध्यक्षता कर रहा है। एससीओ की विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की बैठकें सितंबर महीने में मॉस्को में आयोजित हुईं।
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