नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दोपहर 1 बजे इंदौर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए “गोबर-धन (बायो-सीएनजी) संयंत्र” का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री ने हाल ही में "कचरा मुक्त शहर" बनाने के समग्र दृष्टिकोण के साथ स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का शुभारंभ किया था। इस मिशन को "वेस्ट टू वेल्थ", और "सर्कुलर इकोनॉमी" के व्यापक सिद्धांतों के अंतर्गत लागू किया जा रहा है ताकि संसाधनों से होने वाली रिकवरी को अधिकतम किया जा सके - इन दोनों का मिसाल लायक इस्तेमाल इंदौर बायो-सीएनजी संयंत्र में किया गया है।
इस संयंत्र में प्रतिदिन 550 टन अलग किए हुए गीले जैविक कचरे को ट्रीट करने की क्षमता है। इससे प्रतिदिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और प्रतिदिन 100 टन जैविक खाद का उत्पादन होने की उम्मीद है। ये संयंत्र जीरो लैंडफिल मॉडल पर आधारित है, जिससे कोई रद्दियां यानी रिजेक्ट्स पैदा नहीं होंगी। इसके अलावा इस परियोजना से कई पर्यावरण संबंधी लाभ होने की उम्मीद है, जैसे - ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ साथ हरित ऊर्जा प्रदान करना।
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इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इस परियोजना को लागू करने के लिए बनाया गया एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है जिसे एक निजी-सार्वजनिक भागीदारी मॉडल के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) द्वारा स्थापित किया गया था जिसमें आईईआईएसएल ने 150 करोड़ रुपये का 100% पूंजी निवेश किया था। इंदौर नगर निगम इस संयंत्र द्वारा उत्पादित सीएनजी का न्यूनतम 50% खरीदेगा और अपनी तरह की एक नई पहल में 400 सिटी बसें सीएनजी पर चलाएगा। सीएनजी की शेष बची मात्रा खुले बाजार में बेची जाएगी। ये जैविक खाद कृषि और बागवानी जैसे उद्देश्यों के लिए रासायनिक उर्वरकों की जगह लेने में मदद करेगी।
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