नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि मेरे ध्यान में लाया गया है कि कुछ लोग यह मुहिम चला रहे हैं कि 5 मिनट खड़े रहकर मोदी को सम्मानित किया जाए। पहली नजर में तो यह मोदी को विवादों में घसीटने की कोई खुराफात लगती है। हो सकता है कि यह किसी की सदिच्छा हो, तो भी मेरा आग्रह है कि यदि सचमुच में आपके मन में इतना प्यार है और मोदी को सम्मानित ही करना है तो एक गरीब परिवार की जिम्मेदारी कम से कम तब तक उठाइए, जब तक कोरोना वायरस का संकट है। मेरे लिए इससे बड़ा सम्मान कोई हो ही नहीं सकता।
कोविड-19 के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर देशवासियों ने समर्थन किया है। पीएम ने गत 19 मार्च को देश के नाम अपने संबोधन में 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाने की अपील की थी। पीएम ने अपनी इस अपील में कोरोना के खिलाफ देश सेवा में जुटे डॉक्टरों, नर्स और विमान कंपनियों के कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने की बात कही थी। पीएम के इस अनुरोध को लोगों ने हाथोंहाथ लिया। लोग 22 मार्च की सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक अपने घरों में रहे और शाम पांच बजे घर के दरवाजे और बॉलकनी में आकर ताली, थाली और घंटी बजाकर उन्हें सम्मानित किया।
इसके बाद पीएम ने 24 मार्च को दूसरी बार देशवासियों को संबोधित किया। इस दिन उन्होंने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की। देश अभी लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। पीएम ने लोगों से इस दौरान अपने घरों में रहने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन होने पर देश 21 साल पीछे चला जाएगा और लोग खुद एवं अपने परिवार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
पीएम ने गत 3 मार्च को देशवासियों के लिए अपना एक वीडियो संदेश जारी किया। अपने वीडियो संदेश में लॉकडाउन का पालन करने के लिए पीएम ने लोगों की सराहना की और कोरोना संकट के खिलाफ एकजुटता जाहिर करने के लिए रात नौ बजे घर के दरवाजे एवं बॉलकनी पर दीया, मोमबत्ती एवं मोबाइल की लाइट जलाने का अनुरोध किया। पीएम के इस अनुरोध का भी लोगों ने पालन किया। कोविड-19 के खिलाफ पीएम की मुहिम की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। के जज्बा
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