Indian Navy New ensign:मोदी सरकार पिछले 8 वर्षों में लगातार गुलामी की उन प्रतीकों को हटा रही है, जो देश को औपनिवेशिक विरासत की याद दिलाते हैं। इसी कड़ी में 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अहम कदम उठाने जा रहे हैं। वह भारतीय नौसेना को नया निशान देंगे। जो कि औपनिवेशिक विरासत के प्रतीक बन चुके पुराने निशान की जगह लेगा। यह ब्रिटिश राज की निशानियों से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ने इसके पहले आजादी की वर्षगांठ पर लाल किले से पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात भी कही थी।
कैसा होगा नया निशान
2 सितंबर को जब प्रधानमंत्री भारत के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को नौसेना को सौंपेगे तो उसी दिन वह भारतीय नौसेना के नए निशान को भी जारी करेंगे। इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री कार्यालय के तरफ से दी गई है। बयान में कहा गया है कि नया निशान ‘औपनिवेशिक अतीत से दूर..समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप’ होगा।
किसी भी देश की नौसेना का एक निशान होता है। जो नौसेना के युद्धपोतों, ग्राउंड स्टेशनों और उसके हवाई अड्डों सहित सभी नौसैनिक प्रतिष्ठानों के ऊपर फहराया जाता है। इसे नौसेना का निशान कहते हैं। भारतीय नौसेना का भी अपना निशान है। जिसमें सफेद रंग के आधार पर लाल रंग का क्रॉस बना हुआ है। जो कि सेंट जॉर्ज का प्रतीक है। ध्वज के ऊपरी कोने में तिरंगा बना हुआ है। साथ ही क्रॉस के बीच में अशोक चिन्ह बना हुआ है। जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। अब इसी निशान में बदलाव किया जा रहा है।
मोदी सरकार औपनिवेशिक काल के बदल चुकी है कई प्रतीक
ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार नौसेना के नए निशान के जरिए औपनिवेशिक काल के प्रतीकों को पहली बार खत्म करने जा रही है । पिछले 8 साल में उसने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे ब्रिटिश काल की निशानियों से मुक्ति मिली है..
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