सवाल पब्लिक का: दो दिन से बनारस में प्रधानमंत्री मोदी का मेगा शो, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद अजीबो-गरीब राजनीतिक रिएक्शन आ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने तो हैरान करने वाला कमेंट किया है। उसने पीएम की काशी यात्रा के दौरान क्रूज की तस्वीर को सीधे श्रीनगर में हुए आतंकी हमले से जोड़ दिया। अखिलेश यादव ने 'आखिरी वक्त' को लेकर बेहद विवादित बयान दिया। मतलब लगता है जैसे सियासी भूचाल मचा हुआ है।
मोदी के काशी दौरे से, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से कैसे बीजेपी की विरोधी पार्टियों को मिर्ची लगी हुई है। वो भी बिना किसी वाजिब वजह के। प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी क्या लगाई। अखिलेश, राहुल, ममता सब उबल पड़े। क्यों भाई, गंगा में डुबकी लगाना गुनाह है क्या ? आप भी जाओ, डुबकी लगाओ। क्या प्रियंका गांधी जी ने प्रयागराज में डुबकी नहीं लगाई। क्या अरविंद केजरीवाल जी ने बनारस जाकर गंगा में डुबकी नहीं लगाई। क्या अरविंद केजरीवाल ने अभी अयोध्या में सरयू में आरती नहीं की। क्या अखिलेश यादव जी ने कुंभ में डुबकी नहीं लगाई। खुद राहुल गांधी जी ने समंदर में डुबकी नहीं लगाई थी।
लेकिन भैया, जब मोदी जी ने डुबकी लगाई तो दिल्ली से लेकर गोवा तक, लखनऊ से कोलकाता तक लोग उबल रहे हैं। मैं कहती हूं चाहे वो कोई हो। 71 साल की उम्र में अगर कोई श्रद्धा से दिसंबर के दूसरे हफ्ते में, गंगा में डुबकी लगाता है तो इसमें उसकी श्रद्धा पहले देखी जानी चाहिए। लेकिन यहां राजनीतिक चश्मे का पारा इतना हाई है कि साफ के बदले सब धुंधला दिखाई देता है।
सबको कुछ न कुछ बोलना है। मोदी दिल्ली में रहेंगे तो बोलना है। मोदी बनारस में गंगा में डुबकी लगा लिए तो बोलना है। बस बोलना है भाई। क्या बोलना है ये फर्क नहीं पड़ता, बस बोलना है। बोलिए ये सरकार और विपक्ष की बात है। लेकिन बोलने के लिए वाजिब मुद्दा होना चाहिए। लेकिन किसी की व्यक्तिगत श्रद्धा चाहे वो किसी भी धर्म के प्रति हो, उसे लेकर बोलने का कोई मतलब नहीं। लेकिन अखिलेश जी ने CM योगी को टारगेट कर पीएम के गंगा स्नान पर अपनी बात कह दी। राहुल जी ने कैमरे को बीच में लाकर मोदी जी की गंगा में डुबकी को कोस लिया, ममता जी ने सीधे-सीधे वोटबैंक को ही आगे कर दिया। ये नहीं बताई कि बंगाल चुनाव के दौरान वो क्यों दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रही थी। बात सिर्फ इतनी ही नहीं। कांग्रेस ने एक ट्वीट किया। उसे आपको जरूर देखना चाहिए। क्योंकि जिसने भी ये ट्वीट देखा वो कन्फ्यूज है, समझ में नहीं आ रहा 70 साल सत्ता में रहने वाली पार्टी इतनी कन्फ्यूज है या वो कोई संयोग-प्रयोग खुद कर रही है।
अजीब हाल है। समझ में नहीं आता। ये किस लेवल का फ्रस्टेशन है या फ्रस्टेशन का कोई प्रयोग हो। हो सकता है ये संयोग भी हो। लेकिन देश के प्रधानमंत्री के लिए आप इस तरह के ट्वीट। प्रधानमंत्री का काशी प्लान, महीने दिन पहले से तय है। पीएम बनारस में थे, उस वक्त अगर श्रीनगर में अटैक हो गया तो कांग्रेस के लिए ये संयोग और प्रयोग हो गया। पुलवामा को लेकर वही बात। हिंदू-हिंदुत्व को लेकर वही बात। और हद तो ये है कि अभी चुनाव में जाएंगे खुद टेंपल रन में शामिल हो जाएंगे। कपड़े के ऊपर जनेऊ धारण कर लेंगे। ऐसा ही ममता दीदी के साथ भी है। बंगाल चुनाव में खुद को ब्राह्मिण और दुर्गा की बड़ी उपासक बताते नहीं थक रही थीं। वही हाल अखिलेश जी का। फिर आपकी पूजा, पूजा है। दूसरे की पूजा ढोंग है। आपकी श्रद्धा, श्रद्धा है दूसरे की श्रद्धा आडंवर है। क्यों ? कैसे ?
आज यही सवाल पब्लिक पूछ रही है ।
सवाल नंबर 1
मोदी की काशी यात्रा को आंतकी हमले से क्यों जोड़ा ?
सवाल नंबर 2
कांग्रेस का ट्वीट फ्रस्टेशन का प्रयोग या महज संयोग ?
सवाल नंबर 3
मोदी का गंगा स्नान..अखिलेश-राहुल-ममता सब क्यों परेशान ?
सवाल नंबर 4
Battle ऑफ यूपी..में अब 'औरंगजेब Vsशिवाजी' ?
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