PM Modi Speech, PM Narendra Modi address to nation : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश को संबोधित किया। पीएम मोदी का यह संबोधन ऐसे समय में हुआ जब देश में ओमिक्रॉन और कोरोना के मामलों का जिक्र कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'आप सबको क्रिसमस की शुभकामनाएं , आप सभी 2022 के स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं लेकिन उत्साह और उमंग के साथ ये समय सचेत रहने का भी है। आज दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है और भारत में भी कई लोगों के संक्रमण होने का पता चला है, मैं आग्रह करूंगा कि पैनिक ना लें लेकिन सतर्क रहे हैं तथा मास्क जरूर पहनें और हाथों को थोड़ी थोड़ी देर में धोएं। आज जब वायरस म्यूटेट हो रहा है तो हमारी चुनौती भी बढ़ रही है।' प्रधानमंत्री ने तीन बड़े ऐलान किए जो इस प्रकार हैं-
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी दिशानिर्देशों का पालन, कोरोना से मुकाबले का बहुत बड़ा हथियार है। भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया था। ये देश के सभी नागरिकों का सामूहिक प्रयास और सामूहिक इच्छाशक्ति है कि आज भारत 141 करोड़ वैक्सीन डोज के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य को पार कर चुका है। आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इसी तरह, वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है।'
पीएम मोदी ने कहा, '1 लाख 40 चालीस हजार बैड हैं और 90 हजार बेड बच्चों के लिए हैं देश में तीन लाख से ज्यादा प्लांट ऑक्सीजन के काम कर रहे हैं। इन तैयारियों का ही नतीजा था कि भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों वैक्सीन देना शुरू कर दिया था। देश के सामहूकि प्रयासों की बदौलत आज भारत 141 करोड़ की जनसंख्या को वैक्सीन दे चुका है।'
पीएम ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा, 'कोरोना अभी गया नहीं है देश को सुरक्षित रखने के लिए हमने निरंतर कार्य किया है। वैज्ञानिक सुझावों के आधार पर ही तय किया गया कि पहली डोज किसे दी जाए, और दूसरी डोज में कितना अंतर रखा जाए, जिन्होंने कोविड हो चुका है उन्हें कब वैक्सीन लगी.. इस तरह के फैसले लगातार लिए गए और ये परिस्थितियों को संभालने में काफी मददगार भी साबित हुए हुए हैं। भारत ने अपने वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही अपने निर्णय लिए। वर्तमान में ओमिक्रॉन की चर्चा चल रही है और अलग-अलग अनुमान लगाए गए हैं। भारत के वैज्ञानिक भी इस पर काम कर रहे हैं। हमारे वैक्सीनेशन को 11 महीने हो चुके हैं। '
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