नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में कहा सूर्य से हमें मिलने वाली ऊर्जा पूरी तरह से स्वच्छ और स्थायी है। एक दुनिया, एक सूर्य, एक ग्रिड सिर्फ दिन में सौर ऊर्जा उपलब्धता की चुनौती से निपट सकता है; यह सौर ऊर्जा की व्यवहार्यता को बेहतर बना सकता है। उन्होंने कहा कि इसरो जल्द ही दुनिया को एक सौर ऊर्जा कैलकुलेटर प्रदान करेगा जो दुनिया भर में किसी भी क्षेत्र की सौर ऊर्जा क्षमता को माप सकता है।
मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन ने औद्योगिक क्रांति के दौरान कई देशों को अमीर बनने के लिए प्रेरित किया, लेकिन इसने हमारी धरती, हमारे पर्यावरण को खराब कर दिया। जीवाश्म ईंधन को इकट्ठा करने की दौड़ ने भू-राजनीतिक तनाव पैदा किया, लेकिन तकनीकी प्रगति ने आज सौर ऊर्जा के रूप में बहुत अच्छा विकल्प दिया है। प्रधानमंत्री ने सीओपी26 में सूर्योपनिषद का हवाला देते हुए कहा कि हर चीज सूर्य से पैदा हुई है, सूर्य ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है और सौर ऊर्जा सबका ख्याल रख सकती है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से सभी जीवित प्राणियों की दिनचर्या सूर्योदय और सूर्यास्त से जुड़ी हुई थी; लेकिन यह प्राकृतिक संतुलन भंग हो गया है।
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने और 2030 तक भारत की आधी ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जलवायु प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया है। ग्लासगो में सोमवार को ‘वर्ल्ड लीडर्स समिट’ में प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 2070 तक देश की ऊर्जा खपत को संतुलित करने के शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के लक्ष्य की घोषणा की।
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