दूसरे वैश्विक कोविड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड महामारी जीवन को बाधित करती है, आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करती है और खुले समाजों के लचीलेपन का परीक्षण करती है। भारत में हमने महामारी के खिलाफ एक जन-केंद्रित रणनीति अपनाई। हमने अपने वार्षिक स्वास्थ्य देखभाल बजट में अब तक का सबसे अधिक आवंटन किया है। हमारा टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है।
उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय रूप से और 'कोवैक्स' के माध्यम से 98 देशों को 200 मिलियन से अधिक खुराक की आपूर्ति की। भारत ने परीक्षण, उपचार और डेटा प्रबंधन के लिए कम लागत वाली कोविड शमन तकनीक विकसित की है। हमने अन्य देशों को इन क्षमताओं की पेशकश की है।
पिछले महीने हमने सदियों पुराने ज्ञान को दुनिया को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत में डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की नींव रखी थी। यह स्पष्ट है कि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। हमें एक लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना चाहिए और टीकों और दवाओं तक समान पहुंच को सक्षम बनाना चाहिए। विश्व व्यापार संगठन के नियमों को और अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता है। अधिक लचीला वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा संरचना बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ में सुधार और मजबूती होनी चाहिए।
हमारा टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है। हमने लगभग 90% वयस्क आबादी और 50 मिलियन से अधिक बच्चों को पूरी तरह से टीका लगाया है। भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित चार टीकों का निर्माण करता है और इस वर्ष 5 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की क्षमता रखता है।
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