नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर के चिकित्सकों से बात की और कोविड के दौरान उनके सबक व सुझावों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टरों की अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के साथ कोविड-19 के टीकाकारण की रणनीति से महामारी की दूसरी लहर में बहुत लाभ हुआ। पीएम ने कहा कि करीब 90 प्रतिशत स्वास्थ्य पेशेवर पहले ही पहली खुराक ले चुके हैं और कोविड टीके से अधिकतर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की अभूतपूर्व परिस्थितियों से अनुकरणीय लड़ाई हेतु चिकित्सा वर्ग को धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉक्टरों के समूह से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घरों में कोविड-19 मरीजों का इलाज एसओपी आधारित होना चाहिए। टेलीमेडिसिन सेवा देश की सभी तहसील, जिलों तक विस्तारित करना जरूरी। चाहे जांच करना हो या दवाओं की आपूर्ति करनी हो या नये ढांचे बनाए जाने हों, सभी काम तेजी से किए जाएं।
उन्होंने कहा, 'डॉक्टरों को म्यूकोरमाइकोसिस के बारे में जागरूकता फैलाने में अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत पड़ सकती है।' उन्होंने शारीरिक देखभाल के महत्व के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक देखभाल के महत्व को भी रेखांकित किया।
मोदी ने कहा कि मानव संसाधनों को बढ़ाने के लिए देश द्वारा उठाए गए कदम, जैसे कि कोविड के उपचार में एमबीबीएस छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना, स्वास्थ्य प्रणाली को अतिरिक्त सहायता प्रदान करता है। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने नित्य कामकाज में ऑक्सीजन की आपूर्ति का हिसाब रखने को भी शामिल करें।
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