नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को वाराणसी के एनजीओ के प्रतिनिधियों से मुखातिब हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि काशी ने अभूतपूर्व कोरोना वायरस संकट का पूरी ताकत के साथ मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया हुआ है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेजी से ठीक हो रहे हैं।
कोरोना संकट के दौरान सरकारी विभागों द्वारा जरूरमंदों की मदद को भी सराहा और कहा कि भारत की बड़ी आबादी को देखते हुए इस महामारी को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही थीं। तमाम विशेषज्ञ भारत पर सवाल खड़े कर रहे थे। 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर तो आशंकाएं और भी जताई जा रही थीं। लेकिन यहां प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से काम किया और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाराणसी निर्यात स्थल के रूप में उभर सकता है और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का प्रमुख केंद्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय काशी में ही लगभग 8 हजार करोड़ रुपये की अलग-अलग परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जब स्थितियां सामान्य होंगी तो काशी में पुरानी रौनक भी उतनी ही तेजी से लौटेगी। इसलिए हम सभी को अभी से तैयारी करनी होगी।
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे बुनकर हों, नाव चलाने वाले हमारे साथी हों, व्यापारी-कारोबारी हों, सभी को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा निरंतर प्रयास है कि सभी को कम से कम दिक्कत हो और बनारस भी आगे बढ़ता रहे।' उन्होंने कहा कि सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां साड़ियों के साथ-साथ दूसरे हस्तशिल्प, डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमखी पालन के व्यवसाय के लिए भी नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
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