Mann ki Baat: पीएम मोदी ने कहा- दुनिया में भारतीय सामानों की मांग बढ़ी, 400 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया

'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का आयात 400 अरब डॉलर के पार जाने से हम गौरवान्वित हैं, यह देश की क्षमता एवं काबिलियत को दर्शाता है। भारत के नए उत्पादों को नए गंतव्यों पर निर्यात किया जा रहा है।

Narendra Modi
नरेंद्र मोदी 
मुख्य बातें
  • स्वास्थ्य का सीधा संबंध स्वच्छता से भी जुड़ा है: मोदी
  • हम सात अप्रैल को 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' मनाएंगे: पीएम मोदी
  • अब छोटे से छोटा दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है: PM

Mann ki Baat March: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से आज देश की जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 400 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह भारत की क्षमताओं को दर्शाता है। इसका मतलब है कि दुनिया में भारतीय सामानों की मांग बढ़ रही है। एक समय में भारत का निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन तक हुआ करता था, अब आज 400 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। पहली बार सुनने में लगता है कि ये अर्थव्यवस्था से जुड़ी बात है, लेकिन ये, अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा, भारत के सामर्थ्य, भारत की क्षमता से जुड़ी बात है।

उन्होंने कहा कि देश विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। जब संकल्पों के लिए दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है तो वो संकल्प सिद्ध भी होते हैं और आप देखिए किसी व्यक्ति के जीवन में भी तो ऐसा ही होता है। देश के कोने-कोने से नए-नए प्रोडक्ट विदेश जा रहे हैं। असम के हैलाकांडी के लेदर प्रोडक्ट हों या उस्मानाबाद के हैंडलूम प्रोडक्ट, बीजापुर की फल-सब्जियां हों या चंदौली का ब्लैक राइस, सबका निर्यात बढ़ रहा है। 

 

हिमाचल, उत्तराखंड में पैदा हुए मिलेट्स मोटे अनाज की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गई। आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के बंगनपल्ली और सुवर्णरेखा आम, दक्षिण कोरिया को निर्यात किए गए। यह लिस्ट बहुत लंबी है और जितनी लंबी ये लिस्ट है, उतनी ही बड़ी मेक इन इंडिया की ताकत है, उतना ही विराट भारत का सामर्थ्य है, और सामर्थ्य का आधार है– हमारे किसान, हमारे इंजीनियर, हमारे लघु उद्यमी, हमारा MSME सेक्टर, ढेर सारे अलग-अलग पेशे के लोग ये सब इसकी सच्ची ताकत हैं। 

पिछले एक साल में GeM portal के जरिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की चीजें खरीदी हैं। देश के कोने-कोने से करीब-करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। अब छोटे से छोटा दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है- यही तो नया भारत है। ये न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है| इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी जरुर पूरा करेंगे।

पहले, यह माना जाता था कि केवल बड़े लोग ही सरकार को उत्पाद बेच सकते हैं लेकिन सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल ने इसे बदल दिया है; यह एक नए भारत की भावना को दर्शाता है। हाल के वर्षों में उत्साहजनक प्रवृत्तियों में से एक आयुष क्षेत्र में कई स्टार्ट-अप और उद्यमों की वृद्धि और सफलता है।
 

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