प्रदीप कुमार तिवारी/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब एअर इंडिया के विमान से सफर नहीं करेंगे। पीएम मोदी अब जिस विमान में उड़ान भरेंगे वो एक ख़ास मिसाइल सिस्टम से लैस होगा। ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एयरफोर्स वन की तरह सुरक्षा से लैस होंगे। इनका इस्तेमाल केवल वीवीआईपी यात्रा के लिए होगा। पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए दो विशेष विमान बोइंग-777 अमेरिका में बनकर तैयार हो गए हैं। इन दोनों विमानों के सितंबर के अंत तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। बताया जाता है कि पहला बोइंग-777 विमान अगस्त के अंत तक भारत पहुंच जाएगा, जबकि दूसरा विमान सितंबर के आखिर तक भारत आ जाएगा। फरवरी में, यूएस ने कुल 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से भारत को दो रक्षा प्रणाली बेचने पर सहमति व्यक्त की थी।
विमान की क्या हैं खासियतें
विमानों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये एंटी मिसाइल तकनीक से लैस होंगे। बोइंग 777 (B777-300ER) विमान स्पेशल प्रोटेक्शन सूट से लैस है। यह दुश्मनों के रडार फ्रीक्वेंसी को जब चाहे जाम कर सकता है और खतरे की स्थिति में रडार से बचकर निकल सकता है। यह दुश्मन की मिसाइलें का पता लगा सकता है, उसे डाइवर्ट भी कर सकता है। विमान किसी भी समय हवाई हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई भी कर सकता है। ये विमान दुश्मन पर मिसाइल हमला भी कर सकता है। इसमें 396 लोगों के बैठने की सुविधा है। इस विमान की रेंज 13649 किलोमीटर है, यानी एक बार उड़ान भरने के बाद यह 13649 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है। यह विमान 100 फीसदी डिजिटली डिजाइन किया गया है।
इंफ्रारेड काउंटर मिसाइल सिस्टम लगा होगा बी-777 में
इन दोनों बी-777 विमानों में स्टेस-ऑफ-द-आर्ट मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा होगा। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम है लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAIRCM)। इसके अलावा इसमें सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स (SPS) भी होंगे। इन दोनों डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1349 करोड़ के आसपास है। यही दोनों सुरक्षा प्रणालियां अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन में भी लगे हुए हैं।
केवल गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा के लिए होगा इस्तेमाल
इन विमानों का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा उपयोग किया जाएगा। अभी तीनों लोग एयर इंडिया के बोइंग बी 747 विमानों का प्रयोग करते हैं। इस विमान की खास बात ये होगी कि ये ईंधन भरने के बाद बिना रुके भारत और अमेरिका के बीच उड़ान भर सकेगा।
भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा संचालित होंगे विमान
अधिकारियों ने कहा कि ये दो विमान भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा संचालित किए जाएंगे। हालांकि, विमानों का रख-रखाव एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL)द्वारा किया जाएगा, जो भारतीय राष्ट्रीय वाहक की सहायक कंपनी है। इनको भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
ऐसे करेगा बचाव
एंटी मिसाइल तकनीक बड़े विमानों को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। यह सिस्टम स्थापित होने के बाद क्रू वॉर्निंग की अवधि को बढ़ाता है। चालक दल के एक्शन में आए बगैर यह अपना काम करेगा। पायलट को बस सूचित किया जाएगा कि एक मिसाइल का पता लगा है और सिस्टम उसे वहीं जाम कर देगा।
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