नयी दिल्ली। महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को गांधीजी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी। यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्मक (इंटरैक्टिव) अनुभव केंद्र होगा।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजघाट के समीप स्थित आरएसके का दौरा करने के बाद मोदी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए आरएसके के सभागार में दिल्ली के 36 स्कूली छात्रों से बातचीत करेंगे जो 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके बाद वह संबोधन देंगे।
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का होगा उद्घाटन
बयान के अनुसार आरएसके में स्थित सभागार में भावी पीढ़ियों को स्वच्छ भारत मिशन की सफल यात्रा से रूबरू कराया जाएगा। साथ ही स्वच्छता पर जागरूकता और शिक्षा दी जाएगी।बयान में कहा गया है कि सभागार नंबर एक में दर्शक 360 डिग्री का अनूठा ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम देखेंगे, जिसमें भारत की स्वच्छता की कहानी यानी दुनिया के इतिहास में लोगों की आदतों में बदलाव लाने वाले सबसे बड़े अभियान की यात्रा दिखाई जाएगी।
पीएम का स्वच्छता मिशन है ड्रीम प्रोजेक्ट
सभागार नंबर दो में विभिन्न माध्यमों से स्वच्छ भारत के गांधी के सपने को हासिल करने के लिए किए गए कार्यों की कहानी बयां की जाएगी।बयान में कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन ने भारत में ग्रामीण स्वच्छता की सूरत बदल दी और 55 करोड़ से अधिक लोगों की खुले में शौच करने की आदत को बदल दिया और वे शौचालयों का इस्तेमाल करने लगे। भारत को इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से काफी सराहना मिली और हमने दुनिया के लिए एक नजीर पेश की।इसमें कहा गया है कि यह मिशन दूसरे चरण में है जिसका उद्देश्य भारत के गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना है।
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